SCO समिट 2025 में मोदी-शी जिनपिंग बैठक: नई दिशा की उम्मीद

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ तिआनजिन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) सम्मेलन से पहले द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत-चीन संबंधों में हाल के वर्षों में सीमा विवाद और गलवान घाटी की घटना के बाद तनाव रहा है, लेकिन हाल ही में रिश्तों में सुधार के संकेत मिले हैं, जैसे कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली, भारतीय पर्यटकों के लिए चीनी वीजा और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों का पुनः आरंभ किया गया है। बैठक में दोनों नेता आपसी व्यापार, 'रेयर अर्थ्स' के आदान-प्रदान, सीमा सुरक्षा, और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सीमा विवाद के समाधान के लिए 'एक्सपर्ट ग्रुप' के गठन का प्रस्ताव भी इस बातचीत में शामिल है।
मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में अमेरिका द्वारा भारत पर उच्च टैरिफ लगाने और भारत-रूस संबंधों के बीच, मोदी-शी मुलाकात को भविष्य की आर्थिक स्थिरता और क्षेत्रीय सहयोग के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा को भारत-चीन संबंधों के लिए एक “अति महत्वपूर्ण समय” बता रहे हैं और उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण व स्थिर संबंध पूरी दुनिया की शांति और बहुध्रुवीय एशिया के लिए आवश्यक हैं। इस बैठक के साथ ही मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन और म्यांमार के कार्यवाहक राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे, जिनमें वैश्विक व्यापार, यूक्रेन संकट और लोकतंत्र की बहाली जैसे विषय शामिल होंगे।