काव्य कुंभ में राहगीर, रुचिका और अज़हर इक़बाल ने बांधा समां

काव्य कुंभ में राहगीर, रुचिका और अज़हर इक़बाल ने बांधा समां

रजा मुराद और सौरभ द्विवेदी की मौजूदगी रही खास आकर्षण

रायपुर (चैनल इंडिया)। राजधानी में रविवार को शब्दों का ऐसा महाकुंभ हुआ, जहां हर जज़्बा, हर एहसास और हर कविता जीवंत हो उठा। 'चाय गोविंदम - काव्य कुंभÓ नाम से आयोजित इस भव्य काव्य उत्सव में हजारों की संख्या में श्रोताओं ने शिरकत की और मंच से उतरे हर शब्द को आत्मा से महसूस किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में सजी यह महफिल मध्य भारत के सबसे बड़े कविता समारोहों में शामिल हो गई।
 कार्यक्रम में जब मशहूर कवि राहगीर मंच पर आए, तो उनकी संवेदनशील रचनाओं ने श्रोताओं को भीतर तक झकझोर दिया। रुचिका लोहिया, जिनकी पहचान मंचों की राजकुमारी के रूप में होती है, ने जब अपनी प्रस्तुति दी, तो हर पंक्ति के साथ सभागार तालियों से गूंजता रहा। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार और कवि सौरभ द्विवेदी ने विचारों को शब्दों में पिरोकर सामाजिक चेतना को नई धार दी। मंच पर मनहर सेठ की भावुक कविताओं ने युवाओं के मन को छुआ, तो वहीं अज़हर इक़बाल की शायरी ने अदब के रंग बिखेरे। इस समारोह में अभिनेता रज़ा मुराद की गरिमामयी उपस्थिति और उनके शब्दों की गहराई ने आयोजन को विशेष ऊंचाई दी। कविता, शायरी, समाज और सरोकार, इन सभी का संगम 'चाय गोविंदम - काव्य कुंभ में देखने को मिला। 'कटिंग, कड़क, कुल्हड़ और केसर जैसी अलग-अलग श्रेणियों में टिकट की व्यवस्था थी, और लगभग सभी श्रेणियां फुल हो चुकी थीं।