उद्यानिकी विभाग के तत्वावधान में पुटपुरा प्रशिक्षण हॉल में आयोजित हुआ विशेष तकनीकी प्रशिक्षण

पाम ऑयल की खेती से बढ़ेगी किसानों की आमदनी
मास्टर ट्रेनर सुभाष जेना और वैज्ञानिक डॉ. राजीव दीक्षित ने दी उपयोगी जानकारी
जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा। जिले के पुटपुरा स्थित उद्यान प्रशिक्षण हॉल में दिनांक 10 जुलाई को उद्यानिकी विभाग जांजगीर-चांपा द्वारा एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जिले में पाम ऑयल (तेल ताड़) की वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देना तथा एक्सटेंशन अधिकारियों को फसल की तकनीकी जानकारी से अवगत कराना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रंजना माखीजा के मार्गदर्शन में किया गया। प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न विकासखंडों से आए एक्सटेंशन ऑफिसर्स ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. राजीव दीक्षित ने पाम ऑयल फसल की संभावनाओं और किसानों की आमदनी बढ़ाने में इसकी उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता के रूप में ओडिशा से पधारे गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के वरिष्ठ विकास अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर श्री सुभाष जेना ने तकनीकी सत्र का संचालन करते हुए बताया कि पाम ऑयल की फसल अन्य तिलहनों की तुलना में चार गुना अधिक उत्पादक होती है और यह लघु व सीमांत किसानों के लिए एक अत्यंत लाभकारी विकल्प सिद्ध हो सकती है। उन्होंने रोपण से लेकर फसल कटाई (हार्वेस्टिंग) तक की समस्त वैज्ञानिक विधियों की जानकारी अधिकारियों को दी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों से संबंधित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रही, जिनमें उल्लेखनीय नाम जे. बसवराज, सीईओ, रेस्टोरेशन फाउंडेशन; मनोरंजन एलकाना, सेवानिवृत्त निदेशक, एसबीआई RSETI; तथा वैभव कुमार, निदेशक शामिल रहे। इन विशेषज्ञों ने फसल के व्यवसायिक पक्ष और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इसके योगदान पर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
प्रशिक्षण के उपरांत पुटपुरा नर्सरी में पाम ऑयल का एक डेमोन्स्ट्रेशन प्लॉट विकसित किया गया, जिसका उद्देश्य नर्सरी भ्रमण पर आने वाले किसानों को इस नई फसल की विशेषताओं से अवगत कराना है। साथ ही कृषक रामबाबू के खेत में पाम ऑयल पौधों का रोपण मास्टर ट्रेनर जेना के मार्गदर्शन में किया गया।
सहायक संचालक, उद्यानिकी विभाग ने जानकारी दी कि विभाग आने वाले समय में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और अधिक व्यापक रूप से आयोजित करेगा ताकि आधुनिक कृषि तकनीकों का लाभ अधिक से अधिक कृषकों तक पहुँच सके।
यह प्रशिक्षण न केवल कृषि क्षेत्र के लिए एक नवाचार की पहल है, बल्कि यह किसानों की आयवृद्धि की दिशा में एक ठोस कदम भी है।