13 अरब प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगा में मिली हैरान करने वाली चीज, वैज्ञानिक के लिए बनी पहेली

13 अरब प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगा में मिली हैरान करने वाली चीज, वैज्ञानिक के लिए बनी पहेली

नई दिल्ली। ब्रह्मांड रहस्यों से भरा हुआ है। इन रहस्यों को अभी तक वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाए हैं। इनके बार में जानकारी हासिल करने के लिए वो सालों से शोध कर रहे हैं। बिग बैंग के बाद सिर्फ 30 करोड़ साल में बनी आकाशगंगा JADES-GS-514-0 में भारी मात्रा में ऑक्सीजन मिली है। इस आकाशगंगा में ऑक्सीजन की भारी मात्रा ने वैज्ञानिकों को हैरान कर रही है, क्योंकि उनकी सोच थी कि हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा अन्य तत्व का इतनी जल्दी निर्माण नहीं हो सकता है। तारों के कोर में हाइड्रोजन के संलयन से ऑक्सीजन बनता है। इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा समय लगता है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने साल 2024 में गैलक्सी JADES-GS-514-0 की खोज की थी। इसकी रोशनी धरती पर पहुंचने में करीब 13.4 अरब साल का समय लगा। अल्मा ने इस आकाशगंगा में ऑक्सीजन  की भारी मात्रा की खोज की थी।

इस खोज में हमारे ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के बारे में समझ को बदलने की क्षमता है। वैज्ञानिकों को अब यह समझने और जानने की जरूरत है कि आखिर इतनी जल्दी €ऑक्सीजनका निर्माण कैसे हुआ। साथ ही इस आकाशगंगा का विकास इतनी जल्दी कैसे हुआ। नीदरलैंड्स के लीडेन ऑŽजर्वेटरी के कॉस्मोलॉजिस्ट सैंडर शाउस ने बताया कि यह उसी तरह जैसे किए हम एक ऐसे स्थान पर किशोर को पाते हैं, सिर्फ शिशुओं की उम्मीद करते हैं। आकाशगंगा का निर्माण बेहद तेजी से हुआ है और तेजी से परिपक्व भी हो रही है, जो बेहद हैरान करने वाला है। उनका कहना है कि हमारे ब्रह्मांडीय मॉडलों के लिए जाडेस-जीएस-514-0 का अस्तित्व एक परेशानी है, €योंकि हमें लगता है कि आकाशगंगाओं के विकास में बहुत अधिक समय लगता है।

यह आकाशगंगा इतनी दूर है कि इसे देखने के लिए यह बहुत बड़ी और चमकीली रोशनी की जरूरत है। यह 13.4 अरब प्रकाश-वर्ष दूर है।हाइड्रोजन और हीलियम से भारी तत्वों के बने में काफी समय लगता है। बिग बैंग में हमारे जैसा ब्रह्मांड पहली बार अस्तित्व में आया, तो सबसे पहले बने तत्व हाइड्रोजन और हीलियम थे। पहले तारों का निर्माण हुआ और वे इतने गर्म और घने हो गए कि उन्होंने हाइड्रोजन को ऑ€सीजन जैसे भारी तत्वों में बदल दिया। हालांकि, इन तत्वों को अंतरिक्ष में फैलाने के लिए, तारों को अपना जीवन जीना होगा और एक बड़े विस्फोट में मरना होगा। यह प्रक्रिया कुछ मिलियन सालों में हो सकती है। चिली में वैज्ञानिकों ने जाडेस-जीएस-514-0 आकाशगंगा का अध्ययन किया, तो वह हैरान गए। उन्हें हाइड्रोजन और हीलियम से भारी तत्वों की मात्रा अनुमान से 10 गुना ज्यादा मिली। इससे पता चलता है कि इन तत्वों का निर्माण हमारी अपेक्षाओं से कहीं अधिक तेजी से हुआ है।