‘ध्यान और योग’ विश्व को सनातन धर्म की अनुपम देन है - एल. ईश्वर राव

‘ध्यान और योग’ विश्व को सनातन धर्म की अनुपम देन है - एल. ईश्वर राव

ध्यान मानसिक शांति व व्यक्तित्व विकास के लिये आवश्यक - एल. ईश्वर राव

जगदलपुर से कृष्णा झा की रिपोर्ट 

जगदलपुर। प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर एक घंटा राष्ट्र के नाम अभियान के तहत स्थानीय जगन्नाथ मंदिर में ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। सर्व हिन्दू समाज के सचिव एवं भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एल. ईश्वर राव के संयोजन में आर्ट आफ लिविंग के हैप्पी मग्गू द्वारा उपस्थित लोगों को ध्यान करवाया।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए संयोजक एल. ईश्वर राव ने कहा की योग एवं ध्यान संपूर्ण विश्व को सनातन धर्म एवं संस्कृति की अनूपम उपहार है ध्यान से व्यक्ति मानसिक शांति व आंनद की अनुभूति करता है। जो व्यक्तित्व विकास व स्वास्थ्य के लिये अति उत्तम है। सनातन धर्म में हमारे ऋषि मनीषियों द्वारा आत्मा का परमात्मा से मिलन करने की प्रक्रिया के रूप में इसे अपनाते रहें हैं। आज 21 दिसंबर भारतवर्ष के लिए गौरवान्वित करने वाला दिन है। जब पूरा विश्व भारत के विशिष्ट ज्ञान को वैश्विक स्तर पर अंगीकृत करते हुए 6 दिसंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया गया है। जिसके विशिष्ट प्रयासों के लिए हमारे भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं समस्त भारतवासियों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ दिया।

आर्ट ऑफ लिविंग बस्तर के संस्थापक सदस्य हैप्पी मग्गू ने उपस्थित लोगों को ध्यान करवाया। ध्यान के महत्व और इस दिशा में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा किया जा रहे गतिविधीयों की जानकरी दी। प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित मुख्य समारोह को आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर जी द्वारा संबोधित किये जाने की जानकरी दी।

इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी कैलाश राठी ने कहा कि आज के दिन को विश्व ध्यान दिवस घोषित कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सनातन धर्म एवं संस्कृति पर वैश्विक मुहर लगा दी है आज जब पूरा विश्व युद्ध और आतंकवाद से जूझ रहा है ऐसे में ध्यान से ही शांति और समृद्धि आ सकती।

इस दौरान अरुण दास, डॉ. गोविन्द तिवारी, कृष्ण कुमार परमार, मनीष सिन्हा, संजय चौहान, सुनील दास, पी सुरेश, बबला यादव, शिवराम दुबे, बी जयराम, विवेकानंद झा, राम नारायण पाण्डेय, विजय भारत, आत्मा राम जोशी, राजेश श्रीवास्तव, जय गोपाल सरकार, गजेंद्र यादव, निर्मल यादव, अजय परिहार, मिलन विश्वास, सुरेंद्र शर्मा, जे.बी. सिंह, सुभाष राय, भानू प्रकाश, रवि शर्मा, एल चंद्र शेखर राव, त्रिवेणी रंधारी, श्रीमती आशा डोडिया, रुक्मणि यादव , शेफाली सरकार, उषा परते नेताम, सुलोचना मंडावी,क्रांति सिंह, उज्ज्वला उइके, नीलम यादव, एम मंडल, विजय कुमार, माखन देवनाथ आदि समाज प्रतिनिधि उपस्थित रहें हैं।