कोटा में एक बार फिर के 16 साल के बच्चे ने किया सुसाइड, कुछ महीने पहले ही आया था पढ़ने

कोटा में एक बार फिर के 16 साल के बच्चे ने किया सुसाइड, कुछ महीने पहले ही आया था पढ़ने

नई दिल्ली। कोचिंग नगरी कोटा से फिर आई दुखद खबर, एक और कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र मयंक (16) बिहार के वैशाली का रहने वाला था। मयंक 11 वीं क्लास का छात्र था और स्कूल की पढ़ाई के साथ इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम JEE की तैयारी कर रहा था। घटना के बाद पुलिस ने मृतक छात्र के परिजनों को सूचना दे दी है। परिजनों के कोटा पहुंचने पर मृतक छात्र के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा और अग्रिम जांच की जाएगी।

बिहार से इंजीनियर बनने का सपना लेकर कोटा आया था मयंक, एडिशनल एसपी दिलीप सैनी ने बताया कि स्टूडेंट बिहार के गांव मन्नार भीकमपुरा भटोली जिला वैशाली का रहने वाला था और 8 महीने पहले ही कोटा आया था। वह कोटा में रोड नंबर 5 इलाके में वेलकम प्राइम हॉस्टल में रहता था। शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे के करीब सुसाइड की सूचना मिली, परिजनों ने हॉस्टल संचालक को फोन किया था। उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो गेट बंद था। आवाज देने पर भी गेट नहीं खोला तो स्टाफ ने गेट तोड़ दिया। प्रथम दृष्टया सामने आया बच्चा खुद को पढ़ने में कमजोर मानता था। परिजनों के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।

एडिशनल एसपी दिलीप सैनी ने कहा, 'छात्र के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है परिजनों के आने पर विस्तार से जांच की जाएगी उसके बाद ही पता लग पाएगा परिजनों से बात हुई है। परिजनों ने बताया कि छात्र पढ़ाई में कमजोर था, यह बात परिजनों को पता थी।

मृतक छात्र मयंक ने अपने ही हॉस्टल के कमरे में पंखे के कुंदे से फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया, कोटा में हर हॉस्टल के पंखे में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगा हुआ है। एंटी हैंगिंग डिवाइस से अगर कोई भी सुसाइड करने का प्रयास करता है तो 20 किलो से ज्यादा वेट आते ही पंखा नीचे लटक जाता है। एंटी हैंगिंग डिवाइस मयंक के कमरे में भी लगा हुआ था यह बात मयंक को पता थी। इसीलिए मयंक ने पंखे से फंदा नहीं लगाया बल्कि पंखे के ऊपर छत में पंखे को टांगने वाले लगे कुंदे से फंदा लगाकर आत्महत्या की।

शिक्षा नगरी में इस साल की यह 19वीं स्टूडेंट सुसाइड घटना है। पिछले साल 2023 में 29 छात्रों ने सुसाइड किया था। कोटा में इस साल छात्रों की संख्या घटी है, इसके बावजूद स्टूडेंट सुसाइड के मामले कम नहीं हैं। पहले जहां कोटा में दो से ढाई लाख छात्र हर साल कोटा आते थे। इस बार यह आंकड़ा एक लाख 20 हजार पर अटक गया है, बच्चों की घटी संख्या के बाद भी इस साल के सुसाइड का यह 19वां मामला है।