अब सेकंड हैंड कार खरीदना भी पड़ेगा महंगा, GST काउंसिल की बैठक में लिए गया यह फैसला
नई दिल्ली। राजस्थान के जैसलमेर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े और महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले लिए गए। बैठक में GST काउंसिल ने इलेक्ट्रिक कारों समेत सेकंड हैंड कारों की बिक्री पर लगने वाले GST को बढ़ाने का फैसला किया है। फिलहाल 12% की दर से सेकंड हैंड कारों पर GST लगाया जाता है लेकिन अब सेकंड हैंड कारों की बिक्री पर 18% GST का भुगतान करना होगा। हालंकि माना जा रहा है कि नई दरें ऐसे कारोबारों पर लागू होंगी जो कार को डेप्रिसिएशन क्लेम पर खरीदते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आम लोगों द्वारा सेकंड हैंड कारों की खरीद और बिक्री पर 12% की दर से ही GST लगाया जाएगा। GST काउंसिल द्वारा लिया गया यह फैसला वाहनों के लिए तय की गई टैक्स व्यवस्था के अनुरूप है। 1200cc या इससे अधिक इंजन क्षमता वाली 4 मीटर से बड़ी पेट्रोल और CNG वाली सेकंड हैंड कारों पर 18% की दर से ही टैक्स लगाया जाता है। दूसरी तरफ 1500cc या इससे अधिक क्षमता वाली डीजल सेकंड हैंड कारों पर भी 18% की दर से ही टैक्स लगाया जाता है।
18% GST की नई दर उन कारोबारों पर लागू होगी जो पुरानी कारें बेचते हैं। ध्यान रहे, 18% की नई दर सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कारों पर भी लागू होगी। नई इलेक्ट्रिक कारों पर 5% की दर से GST लगाया जाता है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें खरीदें। अब नई दरें लागू होने के बाद 18% की दर से सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कारें बेची जायेंगी जिसके बाद सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार मार्केट में कारों की बिक्री प्रभावित हो सकती है