दो प्रेमियों को मिलाता है ये अनोखा पेड़, जानिए 100 साल पुराने जर्मनी के इस मेलबॉक्स की कहानी

नई दिल्ली। वर्तमान समय में कई डेटिंग एप हैं, जो लोगों की पार्टनर ढूंढने में मदद करते हैं। लेकिन या आप जानते हैं जर्मनी में एक ऐसा पेड़ हैं, जो सौ साल से ज्यादा पहले एक सफल प्रेमी जोड़ा बनाने वाला बन गया था। इस पेड़ की मदद से कई जोडिय़ों की शादी भी हो चुकी है। जर्मनी के डोडाऊ जंगल में मौजूद यह एक ओक का पेड़ है, जो प्रेमियों के मेलबॉक्स के तौर पर जाना जाता है। ओक पेड़ की एक गांठ को साल 1892 से ही मेलबॉ स के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पेड़ का पोस्टल कोड भी है, जहां हर महीने 50-60 लेटर आते हैं। इनमें से कुछ पत्रों की की वजह से दोस्ती और शादियां भी हो चुकी हैं। साल 1892 से ही पेड़ की गांठ का इस्तेमाल प्रेम पत्रों के आदान प्रदान के लिए किया जा रहा है। इस पेड़ को अपना स्वयं का पोस्टल कोड मिला है। जर्मन डाक कर्मचारियों द्वारा हर महीने इस असामान्य मेलबॉ स में 50 से 60 पत्र पहुंचाए जाते हैं। 25 मीटर यानी 82 फीट ऊंचा यह पेड़ 500 साल से ज्यादा पुराना है। जमीन से 3 मीटर ऊपर स्थित गांठ यानी मेलबॉ स तक पहुंचने के लिए कर्मचारी सीढिय़ों का इस्तेमाल करते हैं। यहां पर कुछ पत्र दुनिया के अन्य जगहों से भेजे जाते हैं और पेंड पर पहुंचने वाले लोग पढ़ सकत हैं। कभी-कभी लेखकों के बीच संभावित पत्र मित्र भी ढूंढ सकते हैं। जर्मनी की डाक सेवा की रिपोर्ट के मुताबिक, संचार के इस अनोखे रूप के कारण पिछले कुछ वर्षों में कुछ शादियां भी हुई हैं। 19वीं सदी में इस परंपरा की शुरुआत हुई थी। एक वनरक्षक की बेटी और लीपजिंग के एक चॉकलेट निर्माता ने पत्रों के आदान-प्रदान के लिए ओक पेड़ गांठ
का इस्तेमाल किया। वनरक्षक ने शुरू में उनके प्रेम का विरोध किया था, लेकिन दोनों ने तब तक पत्राचार जारी रखा जब तक कि उनकी शादी नहीं हो गई। 1892 में ओक के नीचे दोनों की शादी हुई थी।