ध्यान से मन को केंद्रित करने में मिलती मदद: विश्वराज सिंह चौहान

ध्यान से मन को केंद्रित करने में मिलती मदद: विश्वराज सिंह चौहान

जिला मुख्यालय में आयोजित हुआ विश्व ध्यान दिवस

जिले के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारियों ने लिया लाभ

जगदलपुर से कृष्णा झा की रिपोर्ट

सुकमा। मेडिटेशन या ध्यान एक ऐसी माइंडफुल टेक्निक है, जिसका अभ्यास करके मन को केंद्रित करने में मदद मिलती है। यह दिमाग को शांत करने और सभी नाकारात्मक भावनाओं को बाहर निकालने में मदद करता है। उक्त बातें आर्ट ऑफ लिविंग के जिला प्रभारी विश्वराज सिंह चौहान ने विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर कही। सुकमा जिला स्थित आकार व सीआरपीएफ 226 बटालियन में शनिवार को विश्व ध्यान दिवस मनाया गया। इस दौरान अधिकारी कर्मचारियों ने राजयोग ध्यान कर विश्व को शांति, सद्भावना, एकता का संदेश दिया। विश्वभर के 140 देशों में छह हजार से अधिक स्थानों पर ध्यान दिवस मनाया गया। इसमें सामूहिक रूप से योगाभ्यास, राजयोग अनुभूति का अभ्यास कर लोगों को ध्यान का संदेश दिया गया।

सुकमा जिला मुख्यालय मे आर्ट ऑफ लिविंग के जिला प्रभारी विश्वराज सिंह चैहान के उपस्थिति में आकार व सीआरपीएफ 226 बटालियन में विश्व ध्यान दिवस मनाया गया। इस दौरान चैहान ने कहा कि मेडिटेशन या ध्यान एक ऐसी माइंडफुल टेक्निक है, जिसका अभ्यास करके मन को केंद्रित करने में मदद मिलती है। यह दिमाग को शांत करने और सभी नाकारात्मक भावनाओं को बाहर निकालने में मदद करता है। यह मेंटल डिटॉक्स के लिए एक बहुत लाभकारी तकनीक है। श्रभ् चैहान ने कहा कि जब व्यक्ति मेडिटेशन का अभ्यास करता है, तो इससे तनाव कम होता है, फोकस बेहतर होता है और व्यक्ति हमेशा रिलैक्स रहता है। नियमित इसका अभ्यास करने के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं। लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ मेंटल हेल्थ को बूस्ट करना है, जिससे जुड़ी समस्याएं आजकल लोगों में लगातार बढ़ रही हैं। लोगों को इसका महत्व समझाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 दिसंबर को दुनियाभर में विश्व मेडिटेशन दिवस मनाया जाता है।

विश्वराज सिंह चैहान ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान का मुख्य आधार ही योग है। संस्थान की ओर से स्थापना के समय से ही विश्वभर में योग का संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजयोग मेडिटेशन का कमाल है कि आज लाखों लोग इसे अपनाकर जीवन जीने की कला सीखे हैं। मेडिटेशन की ताकत से हम विश्वगुरु बनकर पूरे विश्व का नेतृत्व कर सकते हैं। प्रकृति और विश्व की परिस्थितियां हमें इशारा दे रही हैं कि हमें अपनी योग की शक्ति को बढ़ाने की जरूरत है। विश्व ध्यान दिवस हमारे योग के पुरुषार्थ को बढ़ाने के लिए एक अच्छी पहल है।