मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की नियद नेल्लानार योजना की समीक्षा
बस्तर अंचल के जनजातीय परिवारों के आर्थिक विकास हेतु इन परिवारों को मिलेगा दुधारू पशु
जगदलपुर से कृष्णा झा की रिपोर्ट
जगदलपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बस्तर संभाग के कमिश्नर एवं कलेक्टर्स की बैठक में नियद नेल्लानार योजना क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए सम्बन्धित ईलाके के ग्रामीणों को राशन कार्ड प्रदाय, आधार कार्ड प्रदाय, जन-धन खाता सहित आयुष्मान कार्ड से लाभान्वित करने हेतु सेचुरेशन मोड पर कार्य करने कहा। उन्होंने बस्तर अंचल के जनजातीय परिवारों के आर्थिक स्तर में सुधार की दिशा में सकारात्मक पहल करने पर बल देते हुए राज्य शासन और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के मध्य हुए एमओयू के आधार पर बस्तर संभाग के सभी जिलों में शहरी क्षेत्र के समीपस्थ तथा बड़े कस्बों के आसपास कलस्टर बनाकर जनजातीय परिवारों को दुधारू पशु प्रदाय किए जाने हेतु कार्ययोजना जल्द तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने बस्तर संभाग के अंतर्गत सभी जिलों में जनजातीय परिवारों को दुधारू पशु प्रदान करने के लिए सुविधाजनक ईलाके में कलस्टर चयनित कर मिल्क रुट तैयार किए जाने कहा। साथ ही सम्बन्धित परिवारों का दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति गठित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दिशा में कार्ययोजना के अनुरूप प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पशुपालन, आदिवासी विकास एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों को समन्वित प्रयास सुनिश्चित किए जाने कहा। मुख्य सचिव ने नियद नेल्लानार योजना क्षेत्र के गांवों में निर्बाध इंटरनेट सेवा की उपलब्धता हेतु मोबाईल टॉवर की स्थापना को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए, ताकि आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड पंजीयन सहित राशन कार्ड प्रदाय एवं जन धन खाता खोलने के लिए शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल किया जा सके। उन्होंने उक्त योजना में शामिल बस्तर संभाग के कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा जिले के गांवों में लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार सभी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता एवं कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने निर्देशित किया कि योजना क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, शिक्षा, खाद्यान्न, पोषण आहार, पेयजल की सुलभता सुनिश्चित किया जाए। साथ ही चयनित योजनाओं से पात्र सभी ग्रामीणों को सेचुरेटेड किया जाए। मुख्य सचिव ने इस योजनांतर्गत क्षेत्रों के चिन्हित कैम्पों के लिए पालक अधिकारी नियुक्त करने सहित मॉनिटरिंग का दायित्व सौंपे जाने के निर्देश दिए। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी नियमित तौर पर भ्रमण कर योजनाओं के कारगर क्रियान्वयन हेतु सार्थक प्रयास किए जाने कहा। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार सहित राज्य शासन के वरिष्ठ उच्चाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष में कमिश्नर बस्तर डोमनसिंह, डिप्टी कमिश्नर बीएस सिदार सहित स्वास्थ्य, पशुपालन, आदिवासी विकास, खाद्य इत्यादि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।