भारत–UK के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन, 2026 से लागू
free trade agreement

नई दिल्ली। भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच बहुप्रतीक्षित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) 24 जुलाई 2025 को लंदन में आधिकारिक रूप से साइन हुआ। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मौजूदगी में संपन्न हुआ। यह डील जनवरी 2022 से चल रही बातचीत के बाद अब जाकर पूरी हुई है। इस ऐतिहासिक समझौते के तहत दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूती मिलेगी और आयात-निर्यात पर लगने वाले भारी-भरकम शुल्क में बड़ी राहत मिलेगी।
इस समझौते के तहत भारत से UK को होने वाले लगभग 99% उत्पादों पर टैरिफ पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, वहीं भारत UK से आने वाले लगभग 90% उत्पादों पर आयात शुल्क में बड़ी कटौती करेगा। खासतौर पर स्कॉच व्हिस्की और जिन पर टैक्स 150% से घटाकर पहले 75% और आने वाले 10 वर्षों में 40% कर दिया जाएगा। ब्रिटिश कारों पर भी शुल्क को 100% से घटाकर 10% किया गया है। इसके अलावा टेक्सटाइल, फर्नीचर, मेडिकल डिवाइसेज, कैमिकल्स, चॉकलेट जैसे कई क्षेत्रों को भी इसका लाभ मिलेगा।
सेवाओं और पेशेवरों की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए वीज़ा नियमों में ढील दी गई है, जिससे भारतीय आईटी और मेडिकल प्रोफेशनल्स को UK में नौकरी और काम के बेहतर अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही UK की कंपनियों को भारत के सरकारी टेंडरों में भागीदारी का मौका मिलेगा, और दोनों देशों के बीच दोहरा कराधान (Double Taxation) बचाव समझौता भी लागू होगा।
आर्थिक दृष्टिकोण से यह समझौता दोनों देशों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है। इससे UK की अर्थव्यवस्था को हर वर्ष करीब £4.8 बिलियन की बढ़त मिलेगी और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक \$100–120 बिलियन तक पहुंच सकता है। यह भारत का यूरोप के साथ पहला बड़ा फ्री ट्रेड समझौता है और UK का ब्रेग्ज़िट के बाद का सबसे बड़ा अकेला ट्रेड डील है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझौते को "भविष्य को साथ मिलकर गढ़ने की ऐतिहासिक नींव" बताया, वहीं प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि "ब्रिटेन अब दुनिया के लिए व्यापार के लिए पूरी तरह खुला है।" समझौते को अब दोनों देशों की संसदों से स्वीकृति मिलने के बाद वर्ष 2026 के मध्य तक लागू किया जा सकता है।