यमन में फंसी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द, परिवार को बड़ी राहत

नई दिल्ली। केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मिली मौत की सजा अब रद्द कर दी गई है, जिससे उनके परिवार और समर्थकों को बड़ी राहत मिली है। निमिषा को 2017 में यमन के एक नागरिक तालाल अब्दुल महदी की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था। आरोप था कि उन्होंने महदी को बेहोश करने के लिए सेडेटिव इंजेक्शन दिया था ताकि वह अपना पासपोर्ट वापस ले सकें, लेकिन इससे उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद वहां की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी, जिसे यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने भी बरकरार रखा था।
हालांकि हाल ही में भारत के धार्मिक नेताओं, विशेषकर ग्रैंड मुफ्ती कनथापुरम ए.पी. अबुबकर मुसलियार के हस्तक्षेप के बाद यमन में धार्मिक और कानूनी अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू हुई। इस प्रयास से यह संभव हुआ कि यमन की अदालत ने उनकी मौत की सजा को रद्द कर दिया। यह फैसला अभी भारत सरकार द्वारा औपचारिक रूप से पुष्टि नहीं किया गया है, लेकिन स्थानीय मीडिया और धार्मिक संगठन इसे एक बड़ी सफलता मान रहे हैं। इससे पहले भी 16 जुलाई को प्रस्तावित फांसी पर रोक लगाई गई थी।
यह मामला सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवीय आधार पर लड़ी गई एक लंबी लड़ाई का नतीजा है, जिसमें भारत सरकार, सामाजिक संगठनों और धार्मिक नेतृत्व ने अहम भूमिका निभाई। अब निमिषा प्रिया की रिहाई की संभावनाएं बढ़ गई हैं और उनके परिवार को उम्मीद है कि वे जल्द ही भारत लौट सकेंगी।