सेवा, सादगी और समर्पण की मिसाल हैं बीईओ मोहनलाल कौशिक

सेवा, सादगी और समर्पण की मिसाल हैं बीईओ मोहनलाल कौशिक

स्काउट-गाइड, शिक्षा और प्रशासन—हर क्षेत्र में अग्रणी योगदान
जांजगीर-चाम्पा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
पामगढ़। पामगढ़ विकासखंड के विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) मोहनलाल कौशिक एक ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने न केवल शिक्षा प्रशासन में, बल्कि स्काउट-गाइड के क्षेत्र में भी अपना विशिष्ट स्थान स्थापित किया है। उनका व्यक्तित्व सादगी, सेवा और समर्पण का जीवंत उदाहरण है।

जब वे शालाओं का निरीक्षण करते हैं, तो अन्य अधिकारियों की तरह कुर्सी पर अधिकार जताने की जगह, सामान्य शिक्षक की कुर्सी पर बैठकर संवाद करना पसंद करते हैं। यही उनका मिलनसार और विनम्र स्वभाव उन्हें विकासखंड के शिक्षकों और छात्रों के बीच अत्यंत लोकप्रिय बनाता है।

स्काउट-गाइड में विशेष पहचान
मोहनलाल कौशिक पूर्व में जिला संगठन आयुक्त (स्काउट) और जिला प्रशिक्षण आयुक्त (स्काउट) के रूप में दायित्वो का बेहतर रुप से निर्वहन किए है । उनके नेतृत्व में जांजगीर-चांपा जिले से 100 से अधिक स्काउट-गाइड, रोवर-रेंजर राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

विशेष उल्लेखनीय यह है कि उनके अपने विद्यालय, शा. महामाया उ.मा.वि. पामगढ़ से ही 25 छात्र-छात्राओं ने राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त किया है। यह उनकी प्रेरक नेतृत्व क्षमता और स्काउट के प्रति सच्ची सेवा भावना का प्रमाण है।

राज्यपाल सम्मानित शिक्षक और तीन कालखंड की सेवा
श्री कौशिक को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्यपाल द्वारा “उत्कृष्ट शिक्षक” के रूप में सम्मानित भी किया जा चुका है।
बीईओ जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक दायित्व के साथ-साथ वे आज भी अपने मूल शिक्षक धर्म को निभाते हुए शा. महामाया उ.मा.वि. पामगढ़ में प्रतिदिन तीन कालखंड पढ़ाते हैं, जो उनके कर्मठ और शिक्षार्थीप्रिय स्वभाव को दर्शाता है।

एक प्रेरणा स्वरूप व्यक्तित्व
बीईओ मोहनलाल कौशिक ने यह सिद्ध कर दिया है कि सच्चा नेतृत्व वही है जो पद पर नहीं, कर्म और विचारों में महान होता है। उनका जीवन और कार्यशैली हर शिक्षक, अधिकारी और छात्र के लिए प्रेरणा है।