शासकीय राशन दुकानों में किया गया अमानक चावल की सप्लाई

शासकीय राशन दुकानों में किया गया अमानक चावल की सप्लाई

 मिलरों से नान के अफसरों पर लेन-देन का लग रहा आरोप

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा। जिले के गोदामों में घटिया चावल सप्लाई की शिकायत सामने आई है। इसे लेकर उपभोक्ताओं ने मामले की शिकायत कलेक्टर से करने की बात कही है। बताया जा रहा है कि जांजगीर नैला व चाम्पा के जो लॉट चावल की आई है वह पाखड़ है। चावल पकाते वक्त तय मापदंडों में नहीं बन रहा है। इसे लेकर हितग्राहियों में रोष व्याप्त है। शिकायत यह भी मिली है कि जिस पाखड़ चावल को जांजगीर-चाम्पा जिले में सप्लाई की गई है वह चावल दीगर जिले के लिए सप्लाई की गई थी। लेकिन यहां के जिमेदान नान के अफसर ने उस चावल को अपने सुपुर्द ले लिया। इसके एवज में मिलरों से नान के अफसरों पर लेन-देन का आरोप भी लगा है।

एक शिकायतकर्ता का आरोप है कि चांपा के गोदामों में सारंगढ़ जिले से हजारों क्विंटल अमानक चावल खपाया गया है। सूत्रों का कहना है कि सारंगढ़ के मिलर द्वारा नैला एवं चाम्पा के गोदामों में खराब चावल जमा कराया गया है। इसके बदले में जिले में पदस्थ नाम के वरिष्ठ तकनीकी सहायक विक्रांत माखीजा से गहरी साठगांठ हुई है। शिकायतकर्ताओं ने इस एवज में लेन-देन का भी आरोप लगाया है। लॉट लेते समय बिना कैमिकल जांच के धड़ल्ले से पुराना चावल खपा दिया गया है। जिसमें पाखड़ का प्रतिशत 10 से अधिक है। साथ ही इस खरीदे गए इस चावल को तीन महीने का खुराक बनाकर हितग्राहियों को वितरण किया जा रहा है। शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि विक्रांत माखीजा ने पहले गोदामों में जगह नहीं है कहकर सारंगढ़ जिले के 2023-24 के चावल को लेने से रोक रखा। और जब तीन महीने का आवंटन आया और वितरण की तारीख बढ़ी तो सौदेबाजी कर बड़ी तादात में पाखड़ चावल को भी वितरित करा दिया।

बहुत कम लोग करते हैं चावल का उपयोग :
अब सोसायटी का चावल कोई नहीं खाता। गरीब वर्ग के लोग भी चावल को सीधे लेते हैं और दुकानों में वितरित कर देते हैं। उसी चावल के पैसे से अच्छी क्वालिटी का चावल खरीद लेते हैं। 50 फीसदी उपभोक्ता तो चावल के बदले सीधे राशन वितरक कर्मचारी से पैसे ले लेता है। यदि हर उपभोक्ता सरकारी राशन दुकान से चावल लेकर उसका इस्तेमाल करता तो निश्चित ही चावल की क्वालिटी का अंदाजा लग जाता।

क्या कहते हैं अधिकारी :
इस संबंध में वरिष्ठ तकनीकी सहायक विक्रांत माखीजा ने मीडिया को बताया कि हमारे हिसाब से जो चावल की सप्लाई हुई है वह 100 प्रतिशत मानक है। यदि किसी को शिकायत है तो जांच करा लें। जांच में सबकुछ सामने आ जाएगा।