पंडित राम सरकार पांडेय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुटरा में व्याख्याता लोकपाल सिंह जी की विदाई समारोह का हुआ आयोजन

जांजगीर चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर चांपा। शिक्षा की यात्रा अनंत होती है यह यात्रा रुकती नहीं है ना कभी विश्राम लेती है यह यात्रा अनवरत चलती रहती है और तब तक चलती रहती है जब तक चलने वाला और साथ निभाने वाला उनके ताल में ताल मिलाता रहे। शिक्षा संबंधी यह वक्तव्य विद्यालय मैं आयोजित विदाई समारोह के समय मुख्य अभ्यागत अतिथि प्राचार्य संदीप श्रीवास्तव जी द्वारा कहे गए। उन्होंने कहा कि लोकपाल सिंह जी का कार्य अनुकरणीय हैं, मेरे प्राचार्य रहते हुए उन्होंने जब कार्यभार ग्रहण किया तब एक प्राचार्य के रूप में उन्होंने मुझे किसी भी प्रकार की कमी का एहसास नहीं होने दिया। वह हमेशा तल्लीन होकर बच्चों को पढ़ाते थे और इस प्रकार तल्लीन होकर पढ़ाते देखने से हमारे अन्य युवा व्याख्याताओ ने उनका अनुकरण भी करना शुरू कर दिया,जिससे विद्यालय में पढ़ाई का स्तर सुधरा। ऐसे लोग हम सबके लिए अनुकरणीय हैं। विद्यालय के व्याख्याता कमल किशोर कौशिक जी ने भी लोकपाल सिंह जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके स्वास्थ्य लाभ कि मैं कामना करता हूं और आशा करता हूं कि पारिवारिक जीवन में भी हमेशा स्वस्थ रहें। इसके उपरांत अगले वक्ता के रूप में विद्यालय के व्याख्याता श्री दौलत राम थवाइत ने कहा की सिँह जी व मै सहपाठी हैं हम दोनों ने शिक्षा के सफर की शुरुवात एक साथ प्रारम्भ की थी आज विदा की बेला में उनके कार्यो को याद कर मुझे गर्व महसूस होता है उनका आशीर्वाद विद्यालय के बच्चों को मिलता रहें यही ईश्वर सें कामना हैं।
अनुराग तिवारी, अवधेश शर्मा उमेश चौबे कमलाकर, महावीर विजर्सन जी ने उनके द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया और उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि विद्यालय में आने से पहले वह सेमरा विद्यालय के प्राचार्य थे प्राचार्य का काम जो है मुख्य रूप से निर्देश देना होता है। निर्देश देने के अंतराल में जब वे व्याख्यान के स्तर में आते हैं तो व्याख्यान देना एक कठिनतम काम बन जाता है। लेकिन उन्होंने इस कठिनतम काम को भी सरलतम रूप में परिवर्तित कर दिया और हम सब के आदर्श के रूप में पहचान बनाई। विद्यालय के व्यायाम शिक्षक सुरेश हंस जी एवं आशुतोष राठौर जी और हेमेश्वर नर्मदा जी ने भी सिंह सर के एक व्याख्याता के रूप में उनके अध्यापकीय कार्यों की सराहना की और कहा कि इस अवस्था में अच्छे से अध्यापन कराना उनकी सबसे बड़ी खासियत रही है। विद्यालय की व्याख्याता श्रीमती काजल कहरा मैडम जी ने कहा कि सिंह सर की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है समय के पाबंद होना और हर काम समय के अनुसार करना उनकी सबसे बड़ी खासियत रही है। अंग्रेजी विषय की व्याख्याता श्रीमती नीलिमा पाठक जी ने कहा कि मैं बचपन से ही आदरणीय सिंह सर जी को जानती हूं, यद्यपि विद्यालय आने के पहले ही वे सेवा निवृत हो गए परंतु मैं एक ऐसे विद्यालय में हूं जहां उनके कार्यों की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है मैं उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूं। सहायक विज्ञान शिक्षिका श्रीमती चंद्रवती रात्रे मैडम जी ने भी सिंह सर जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का हम हमेशा पालन करते रहेंगे। विदाई समारोह के इस कार्यक्रम में विद्यालय परिवार के वरिष्ठ व्याख्याता पंचराम पटेल जी ने कहा कि मैं भी उनके हम उम्र का हूं और मेरी भी सेवा निवृत्ति की तारीख वही है जो सिंह सर जी की है परंतु शासन द्वारा 1 वर्ष का मुझे एक्सटेंशन दिया गया है। उनके गुणों की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। मैं उनसे परिचित तो नहीं हूं परंतु उनके बारे में जितना सुनता हूं वह उनके चरित्र का विश्लेषण करने के लिए पर्याप्त हैं। भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह इसी प्रकार से शिक्षा जगत में लोगों का मार्गदर्शन करते रहें। कार्यक्रम के अंत में व्याख्याता लोकपाल सिंह जी ने अपने शैक्षिक जीवन के यात्रा का अनुभव सुनाया और कहा कि सभी विद्यालयों मैं मैंने अलग-अलग समयों में अलग-अलग प्रकार के कार्य किये, परंतु यहां आने के बाद मुझे एहसास हुआ कि यहां के शिक्षक यहां के ग्रामवासी और यहां का विद्यालय परिवार ही ऐसा है जो शिक्षा के क्षेत्र में बिना किसी लाभ लपेट के जुट जाने को प्रेरित करता है। एक व्याख्याता के रूप में जितना कार्य मैंने अपने जीवन में किया वह मेरे गुरुजनों की ही देन थी मैंने केवल शिक्षा के माध्यम के रूप में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का ही प्रयास किया है। मुझे यहां से मिला प्रेम हमेशा याद रहेगा और अपना जीवन शिक्षा जगत को उजियाला लाने में ही समर्पित करूंगा। आप सबका बहुत-बहुत आभार जो आपने मुझे इतना सम्मान प्रदान किया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्राचार्य एवं सभी व्याख्याता के द्वारा श्रीफल एवं साल पहना करके वरिष्ठ व्याख्याता लोकपाल सिंह जी का सम्मान किया गया। उसके बाद विद्यालय के व्यायाम शिक्षक सुरेश हंस जी के द्वारा इस कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता अनुराग तिवारी के द्वारा किया गया।