राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिताओं में नृत्यथी कलाक्षेत्रम् की उत्कृष्ट प्रस्तुति, अनेक प्रतिभाओं ने जीते पुरस्कार

जांजगीर-चाम्पा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
बिलासपुर। नृत्यथी कलाक्षेत्रम् ने हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय नृत्य प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर संस्थान का नाम रोशन किया। संस्था ने बेंगलुरु में 20 अगस्त से 22 अगस्त 2025 तक आयोजित “नृतनृत्यति” तथा बिलासपुर में 28 अगस्त से 2 सितम्बर 2025 तक आयोजित “प्रणवम्” जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इन दोनों आयोजनों में संस्थान की प्रस्तुतियों ने निर्णायकों और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रतिभाओं की उपलब्धियाँ :
प्रतियोगिताओं में नृत्यथी कलाक्षेत्रम् की अनेक प्रतिभाशाली छात्राओं और कलाकारों ने विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए।
प्रथम पुरस्कार विजेताओं में — कीर्तन रेशेश देव, देवांशी गौर, वारिजा विजय राय, मानसवी सिन्हा, रोशिका साहू, अवनी मिश्रा, मेरी श्राव्या, हरविंद सिंह कौशिक, अक्षया एस. पनिकर, पूर्वी दास, शान्वी पहवा और खाश्वी अय्यर शामिल हैं।
द्वितीय पुरस्कार पाने वालों में — डी जनानी, अनाहिता यादव, आराध्या अवस्थी, कौसुमी यादलप्पल्ली, समृद्धि दास, अनुश्री बनर्जी, आय्या समुद्रे, काव्या गुप्ता, तनिष्का शिनु, श्रिया पांडे और आरिनी चौबे के नाम रहे।
वहीं अनन्या गुप्ता ने विभिन्न आयु वर्गों में भरतनाट्यम शैली में तृतीय पुरस्कार हासिल कर संस्था का गौरव बढ़ाया।
प्रतियोगिता में कीर्तना रेमेश देव को बेंगलुरु में “नाट्यमायूरी” की उपाधि प्रदान की गई। उन्हें तथा वारिजा विजय राय को बिलासपुर और बेंगलुरु दोनों स्थानों पर “प्रणवम् प्रतिमा राष्ट्रीय पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त नृत्यथी कलाक्षेत्रम् को बेंगलुरु और बिलासपुर दोनों स्थानों पर “सर्वश्रेष्ठ संस्थान पुरस्कार” से सम्मानित किया गया, जो संस्था की सामूहिक उपलब्धि को दर्शाता है।
गौरव का क्षण :
संस्था के संचालकों और प्रशिक्षकों ने कहा कि यह उपलब्धि विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। इस सम्मान से कलाकारों का उत्साह और बढ़ा है और संस्था आने वाले समय में भी देश भर में अपनी कला की छाप छोड़ने का प्रयास जारी रखेगी।
नृत्यथी कलाक्षेत्रम् के निदेशक और दूरदर्शन के ए" ग्रेड कलाकार डॉ. जी रथीश बाबू ने बच्चों को बधाई दी और उनके बेहतर भविष्य की कामना की। नृत्यथी कलाक्षेत्रम् 1988 से लगातार शास्त्रीय नृत्यों का प्रशिक्षण दे रहा है जिसकी पहली शाखा भिलाई में शुरू हुई थी। अब, डॉ. जी रथीश बाबू के कुशल मार्गदर्शन में नृत्यथी कलाक्षेत्रम् की भिलाई रायपुर और बैंगलोर में शाखाएँ हैं और यह विभिन्न राज्यों साथ-साथ विदेशोंमें भी ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे है। इन्हे रथिश बाबू एवं सुमी अजय मैम ने बधाई दी है