मुंगेली में उल्लास और भव्यता के साथ मनाई गई विश्वकर्मा जयंती

मुंगेली में उल्लास और भव्यता के साथ मनाई गई विश्वकर्मा जयंती

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध गायक देवेश शर्मा ने बांधा समा, शोभायात्रा में झांकियों और लोकनृत्यों ने मोहा मन

मुंगेली से परमेश्वर कुर्रे की रिपोर्ट

मुंगेली। नगर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भवन निर्माण ठेकेदार संघ के तत्वावधान में विश्वकर्मा जयंती का भव्य और ऐतिहासिक आयोजन आदर्श कृषि उपज मंडी प्रांगण में बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। दो दिवसीय इस पर्व ने पूरे नगर को धार्मिक और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर कर दिया। पहले दिन की शुरुआत भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापना के साथ हुई। इसी दिन रात्रि में भजन संध्या का आयोजन रखा गया, जिसमें छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध जसगीत सम्राट रायगढ़ वाले देवेश शर्मा ने अपनी सुरमयी प्रस्तुति से भक्तों का मन मोह लिया। देवी जसगीत और भजनों की मधुर धुन पर उपस्थित श्रद्धालु देर रात तक झूमते रहे और पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। दूसरे दिन नगर में निकाली गई भव्य शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र रही। इस शोभायात्रा में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक लोकनृत्य मंडलियों, हरि-कीर्तन टोली, झांकियों और सांस्कृतिक दलों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से जन-जन का दिल जीत लिया। शहर की सड़कों पर जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवृष्टि कर शोभायात्रा का स्वागत किया। भगवान विश्वकर्मा के जयकारों से पूरा नगर गुंजायमान हो उठा। दोनों दिनों तक चले इस आयोजन के दौरान संतुलाल सोनकर द्वारा विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। वहीं नगर के विभिन्न मोहल्लों और घरों में भी भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना कर लोगों ने सुख-शांति और खुशहाली की प्रार्थना की। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष दीनानाथ केशरवानी ने कहा कि “मुंगेली नगर में हर वर्ष विश्वकर्मा जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, जो गर्व की बात है। यह आयोजन टीमवर्क का प्रतीक है और नगर की प्रगति में ऐसी परंपराओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।” उन्होंने आगे कहा कि जब तक ठेकेदारी व्यवस्था में कार्यरत श्रमिक अपने अधिकारों को प्राप्त नहीं करेंगे, तब तक विकास अधूरा रहेगा। उन्होंने विधायक द्वारा घोषित 20 हजार रुपए सहयोग राशि की भी जानकारी दी। आनंद देवांगन ने अपने संबोधन में कहा कि अब छत्तीसगढ़ भर में विश्वकर्मा जयंती ने एक विशेष पहचान बना ली है। संगठन ही किसी भी समाज की शक्ति है और इस पर्व से समाजिक एकता को बल मिलता है। वहीं सौरभ बाजपेई ने अपने उद्बोधन में कहा कि “विश्वकर्मा जयंती का पर्व केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि श्रम, संगठन और समर्पण का प्रतीक है। यह जयंती नगर में सामाजिक बंधन को मजबूत करती है और हर वर्ष यहां की शोभा बढ़ाती है।”

पूरे नगर में इस दौरान उत्सव जैसा माहौल रहा। घर-घर में दीप जलाए गए, रंगोलियां सजाई गईं और श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ भगवान विश्वकर्मा की आराधना की। विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने भी इस अवसर पर शुभकामनाएं और बधाइयाँ दीं। कार्यक्रम में विशेष रूप से अध्यक्ष दिलीप गोस्वामी, सचिव नंदकुमार महिलांग, उपाध्यक्ष निशांत जायसवाल, कोषाध्यक्ष धीरज पटेल, सहसचिव नारायण साहू, सह कोषाध्यक्ष रामनाथ साहू सहित भवन निर्माण ठेकेदार संघ के सदस्य और विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इनमें फेब्रिकेशन, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, पेंटर, बढ़ई, टाइल्स ठेकेदार, फॉल सीलिंग, एल्युमिनियम-स्टील एंड ग्लास चर्क, छड़ बंधाई, ढलाई ठेकेदार और सेटिंग ठेकेदार संघ के पदाधिकारी शामिल थे। विश्वकर्मा जयंती के इस दो दिवसीय महापर्व ने न केवल नगर की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत किया बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी दिया। श्रद्धालुओं की भीड़ और भक्ति भाव ने इसे यादगार बना दिया। यह जानकारी सोशल मीडिया प्रचारक कोमल देवांगन मुंगेलिहा ने दिया।