थाना फास्टरपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम दाबों में हुए अंधे कत्ल की सुलझी गुत्थी

विवेचना के दौरान अज्ञात आरोपियों के पता तलाश हेतु इंटिग्र्रेटेड पुलिस कंट्रोल रूम मुंगेली सहित विभिन्न स्थानों के अनेक सीसीटीवी फुटेज निरीक्षण तकनीकी साक्ष्य एवं मुखबीर सूचना के आधार पर संदेही सुनील साहू निवासी पौंनी पौंसेरा थाना पाण्डातराई एक नयी मोटर सायकल को लेकर ग्राम झझपुरीकलां लोरमी में अपने ननिहाल में घुम रहा है जिसकी सूचना पुलिस को मिलने पर पुलिस टीम द्वारा ग्राम झझपुरी कलां में घेराबंदी कर संदेही सुनील साहू को हिरासत में लेने का प्रयास किया गया। इस दौरान सुनील साहू पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए गांव में भागने लगा। पुलिस टीम की तत्परता से सुनील साहू को अभिरक्षा में लेकर तथ्यात्मक पूछताछ किया गया। ‘‘पूछताछ पर बताया कि उसके जीजा नेतराम साहू निवासी सिल्ली हाल मुकाम चातरखार ने 15 दिन पूर्व वाट्सऐप में एक आदमी का फोटो भेजकर बताया कि यह व्यक्ति ग्राम सिल्ली का है और यही उसको परेशान कर रहा है इसको रास्ते से हटाना है। तुम अपने दोस्तों को बुलाकर उसको मेरे रास्ते से हटा दो इस काम के लिए तुमको 50,000 रू., दुंगा तब दिनांक 08.09.2025 को अपने जीजा नेतराम के घर चातरखार आया और तीन दिन तक जीजा के घर में रूककर वही प्लानिंग किये और दिनांक 10.09.2025 को जीजा नेतराम ने अपने साले सुनील को अपनी बोलेरो कार क्रमांक सीजी-28 एन-4552 से अपने दोस्त शुभम पाल एवं अन्य को लाने बिलासपुर भेजा। इसके लिए 1500 रूप्ये अपने साला को पैसा बैंक के माध्यम से दिया। जिसके बाद सुनील साहू अपने दोस्त शुभम पाल एवं बाल अपचारी को लेकर नेतराम के भांचा गौकरण साहू के किराये के मकान पहुंचे। जहां पर सुनील साहू ने शुभम पाल, गौकरण साहू एवं बाल अपचारी दोनो को हत्या करने की योजना के संबंध में पूरी जानकारी देकर षडयंत्र कर वहीं खाना खाकर आराम किये और शाम करीबन 06ः00 बजे छत के उपर से दो लोहे का पाईप निकालकर अपने पास रखे और जीजा नेतराम के घर जाकर उसकी बोलेरो कार को छोड़कर चारों गौकरण के मो.सा. में बैठकर सिल्ली जाने के लिए चातरखार चौक में मोटर सायकल गैरेज में रूककर गौकरण ने मो.सा. के नंबर प्लेट को निकलवाये और इसके बाद चारो सुनील साहू, शुभम, गौकरण एवं एक विधि से संघर्षरत बालक शाम करीब 7ः00 बजे सिल्ली पहुंचे। जहां शराब पीये फिर रात करीब 8ः30 बजे सुनील का जीजा नेतराम ने फोन लगाकर सुनील को बोला कि जिसको निपटाना है वह लड़का अपने एक साथी के साथ दाबों जाने वाली रोड किनारे बैठकर शराब पी रहा है। वही पर साईन मो.सा. खड़ी है। उसे जाकर निपटा दो तब सुनील साहू, गौकरण, शुभम एवं बाल अपचारी चारो मो.सा. से दाबो चौक आये और वहा से बस्ती तरफ जाकर देखे कि दो लोग जमीन में बैठे हुये थे और वही पर होण्डा साईन मो.सा. खड़ी थी। वहां से कुछ दूर आगे जाकर सुनील और शुभम दोनो वापस आकर शराब पी रहे दो व्यक्ति (मृतक हेमप्रसाद साहू एवं प्रार्थी हेमचंद साहू) को शुभम द्वारा पूछा कि तुम दोनो में से पप्पू कौन है, तो वे लोग बोले की हमारा नाम पप्पू नहीं है, और उन्ही से सिगरेट मांगकर पीये। कुछ दूरी पर किसी व्यक्ति के आने पर सूचना देने के लिए गौकरण एवं विधि से संघर्षरत बालक को रास्ते के दोनों तरफ खड़ा किये थे। सुनील द्वारा अपने जीजा नेतराम साहू को फोन कर दो व्यक्ति होने की बात एवं मोटर सायकल साइन के साथ वाट्सअप की फोटो एवं कपडा मिलान की संतुष्टि होने की बात बतायी। जिसके बाद नेतराम साहू ने उसको (मृतक हेमप्रसाद साहू) को मारने के लिए कहा। तब सुनील द्वारा लोहा के पाईप से लाईट रंग के टी-शर्ट पहने व्यक्ति (हेमप्रसाद साहू) के सिर में पीछे तरफ दो बार वार कर चोट पहुंचाया तब वह जमीन में गिर गया। इसके बाद शुभम पाल ने अपने लोहा के पाईप से उसके सीने व मुंह में दो तीन बार वार किया और साथ में बैठे हेमचंद साहू को शुभम द्वारा मारने के प्रयास करने पर हेमचंद साहू भागने में सफल रहा। इसके बाद उनलोग उसे मरा समझ कर मौके से उसके मोबाईल, और होण्डा साईन मो.सा. को लेकर वहां से भाग गये और हमारे साथी गौकरण, मुरली भी एक मो0सा0 से हमारे पीछे आ गये उसके बाद मैं अपने जीजा नेतराम को फोन करके बताया कि तुम्हारा काम हो गया है उसको मार दिये है कहकर बताये’’ फिर सभी आरोपी गांव के रास्ते से होते हुये रात्रि में ही मुंगेली पड़ाव चौक आये और गौकरण अपने मो.सा को लेकर अपने घर चला गया। फिर हम तीनो आरोपी सुनील साहू, शुभम पाल एवं अपचारी बालक लुटी हुई मोटर सायकल को लेकर चकरभाठा बिलासपुर चले गये।
उक्त तथ्यों की तस्दीकी के लिए आरोपी नेतराम साहू को हिरासत में लेकर कडाई से पूछताछ किया गया तब नेतराम साहू ने बताया तुलसी साहू और उसका बेटा नरेन्द्र साहू उर्फ पप्पू निवासी दाबों के द्वारा मेरे खिलाफ तरवरपुर धान खरीदी सोसायटी में धान खरीदी की अनियमितता को लेकर न्यायालय में परिवाद लगाकर मेरे ऊपर एफआईआर कराया था। और मुझे नौकरी से निष्काषित करा दिये थे। परन्तु मेरे द्वारा न्यायालय से आदेश के आदेश पर विभाग के द्वारा पुनः नियुक्ति आदेश प्राप्त कर तरवरपुर सोसायटी में नौकरी हेतु ज्वाईन करना चाह रहा था। परन्तु तुलसी साहू और उसके बेटे नरेन्द्र साहू मुझे नौकरी ज्वाईन नहीं करने दे रहे थे और परेशान कर रहे थे। जिससे परेशान होकर ही मैने तुलसी साहू के बेटे नरेन्द्र उर्फ पप्पू को मारने की रणनीति बनायी थी। और अपने साले सुनील को यह बात बताकर 50 हजार रूप्ये देकर हत्या करने की बात कही थी।