30 को हो सकता है नगरीय और पंचायत चुनाव का ऐलान

30 को हो सकता है नगरीय  और पंचायत चुनाव का ऐलान

27 को महापौरों का आरक्षण
जनवरी अंत तक नगरीय निकाय की वोटिंग
पंचायत चुनाव फरवरी में संभव

रायपुर (चैनल इंडिया)। प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे। सरकार ने इसकी अंतिम तैयारियां शुरू कर दी है। नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डां का आरक्षण पूरा हो चुका है। नगरीय प्रशासन विभाग ने महापौर के आरक्षण की तारीख भी जारी कर दिया है। महापौर का आरक्षण 27 दिसंबर को रायपुर में किया जाएगा। इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव की सरकार की तरफ से सारी तैयारियां पूरी हो जाएंगी।

इसके दो दिन बाद पंचायत चुनाव का आरक्षण भी पूरा हो जाएगा। पंचायत विभाग ने आज ही आरक्षण का कार्यक्रम जारी करते हुए इसके लिए 27 से 29 दिसंबर तक दो दिन की तारीख तय की है। याने 29 दिसंबर को पंचायत चुनाव का आरक्षण पूरा हो जाएगा। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव का ऐलान कर सकता है।

चूंकि जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण 29 दिसंबर को होगा। इसलिए उस दिन चुनाव का ऐलान संभव प्रतीत नहीं होता। 31 दिसंबर को लोग न्यू ईयर की तैयारी में व्यस्त रहेंगे, इसलिए इस दिन भी शायद चुनाव कार्यक्रम की घोषणा न किया जाए। जानकारों का कहना है सबसे अधिक संभावना 30 दिसंबर का है। वैसे लोगों को चौंकाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग हो सकता है जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण के दिन शाम को प्रेस कांफ्रेंस बुला ले। मगर ये सही है कि राज्य निर्वाचन आयोग के पास ये तीन दिन ही रहेगा चुनाव के ऐलान करने के लिए।

अफसरों का कहना है कि जनवरी अंत तक नगरीय निकाय चुनाव याने वार्ड पार्षद, निकायों के अध्यक्ष और महापौर का चुनाव हो जाएगा। ज्यादा-से-ज्यादा हुआ तो दो-से-तीन फरवरी तक जाएगा। मगर पांच फरवरी से पहले नगरीय निकाय का चुनाव निपट जाएगा। नगरीय निकाय चुनाव का कार्यक्रम जनवरी लास्ट तक निपट गया तो पंचायत चुनाव इसके एक हफ्ते बाद होगा। अफसरों का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव कहीं दो-तीन फरवरी तक चला तो पंचायत चुनाव सात-से-आठ फरवरी तक हो जाएगा।

एक जनवरी से पहले मजबूरी

राज्य निर्वाचन आयोग की मजबूरी है कि एक जनवरी से पहले चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दे। क्योंकि, हर साल एक जनवरी से नई मतदाता सूची का अपग्रेडेशन होता है। यदि 31 दिसंबर तक घोषणा नहीं हुई तो फिर चुनाव एकाध महीने आगे टल जाएगगा। क्योंकि, मतदाता सूची के नवीनीकरण में महीने भर का वक्त लग जाता है। इसलिए सरकार भी एक्शन मोड में आते हुए पहले पंचायत के आरक्षण के लिए डेट जारी की और शाम होते-होते महापौरों के आरक्षण की भी तारीख तय कर दी। जानकारों का कहना है कि पिछले हफ्ते सरकार जरूर दोनों चुनावों को लेकर आगे-पीछे दिख रही थी। पंचायत चुनाव का आरक्षण शेड्यूल अचानक निरस्त कर दिए जाने के बाद इस धारणा को और बल मिला था। मगर सब कुछ यू-टर्न के अंदाज में हुआ। और अब दोनों चुनाव होना तय हो गया है।