सीएम साय के समक्ष लघु वनोपज सहकारी संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने ग्रहण किया पदभार

सीएम साय के समक्ष लघु वनोपज सहकारी संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष और उपाध्यक्ष  ने ग्रहण किया पदभार

वनवासियों की आय बढ़ाने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष आज रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित के नवनियुक्त अध्यक्ष रूप साय सलाम और उपाध्यक्ष यज्ञदत्त शर्मा ने पदभार ग्रहण किया। नवनियुक्त अध्यक्ष रूप साय सलाम और उपाध्यक्ष यज्ञदत्त शर्मा ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने पर सीएम साय एवं वन मंत्री केदार कश्यप का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सीएम साय ने नए दायित्वों के लिए अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अध्यक्ष के रूप में रूप साय सलाम को एक अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसे वे अपनी संवेदनशीलता, अनुभव और दक्षता के साथ उत्कृष्ट रूप से निभाएंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि सलाम स्वयं जनजातीय समुदाय से आते हैं और समुदाय की समस्याओं, अपेक्षाओं एवं आवश्यकताओं को भली-भांति समझते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनवासियों की आय बढ़ाने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों को देश में सर्वाधिक मूल्य दिया जा रहा है। वनोपजों के वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वनवासी समुदाय की आय में वृद्धि हो और उन्हें वास्तविक आर्थिक मजबूती प्राप्त हो।

वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यह प्रदेश का सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ के मुखिया विष्णु देव साय स्वयं जनजातीय समुदाय से आते हैं और वनवासी भाई-बहनों की पीड़ा, कठिनाइयों और आकांक्षाओं को गहराई से समझते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की 32 प्रतिशतआबादी जनजातीय है तथा 44 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित है, इसलिए वनोपज ही वनवासियों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता को ‘हरा सोना’ कहा जाता है और उसके अनुरूप मूल्य देने का कार्य 
मुख्यमंत्री  साय ने किया है। तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा मूल्य 4,000 रुपए से बढ़ाकर 5,500 रुपए करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है।

लघु वनोपज संघ प्रबंध संचालक अनिल साहू ने कहा कि 15 लाख आदिवासी वनवासी परिवार, 50 लाख से 60 लाख व्यक्ति जुड़े हुए हैं। जिन्हें प्रति वर्ष 1000 करोड़ से अधिक पीपीटी के माध्यम से प्राप्त होती है। सीएम विष्णु देव साय के आशीर्वाद से राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण की दर भी पूरे देश में सर्वाधिक है। देश में कहीं भी तेंदूपत्ता का इतना मूल्य नहीं दिया जाता है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चरण पादुका योजना संचालित है। मेधावी छात्रवृत्ति योजना आदि अनेक प्रकार की योजनाओं का लाभ आदिवासी वनवासियों को मिल रहा है। 10 हजार महिला समूह एक लाख से अधिक महिलाएं सीधे तौर पर जुड़े हैं। लगभग 5 से 7 करोड रुपए का कारोबार कर रहे हैं। 

कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, नान के चेयरमैन संजय श्रीवास्तव, योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा, छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष  विकास मरकाम, वक्फ बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सलीम राज, वनबल प्रमुख व्ही.श्रीनिवास राव सहित लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक अनिल साहू, कार्यकारी संचालक संजीता गुप्ता, उप महाप्रबंधक उत्पादन एवं भंडारण रमेश कुमार जांगड़े, सचिव सुश्री किरन गुप्ता एवं समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी,सदस्य तथा प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पहुंचे वनोपज संग्राहक उपस्थित थे।