‘डॉ.’ उपसर्ग पर रोक: फिजियोथेरेपिस्टों के लिए सरकार का नया आदेश

‘डॉ.’ उपसर्ग पर रोक: फिजियोथेरेपिस्टों के लिए सरकार का नया आदेश

नई दिल्ली। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए फिजियोथेरेपिस्टों को 'डॉ.' उपसर्ग (प्रिफिक्स) का उपयोग करने से रोक दिया है। यह आदेश 9 सितंबर 2025 को भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भानुशाली को संबोधित एक पत्र के माध्यम से जारी किया गया। DGHS का कहना है कि फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टरों के रूप में प्रशिक्षित नहीं हैं, इसलिए उनके द्वारा 'डॉ.' उपसर्ग का उपयोग मरीजों और आम जनता के बीच भ्रम पैदा कर सकता है, जिससे क्वैकरी (अवैध चिकित्सा प्रथा) को बढ़ावा मिल सकता है।

आदेश का कारण :
DGHS ने अपने पत्र में बताया कि फिजियोथेरेपिस्टों को 'डॉ.' उपसर्ग के उपयोग की अनुमति देने का मुद्दा राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर आयोग (NCAHP) द्वारा अप्रैल 2025 में जारी फिजियोथेरेपी के लिए नई पाठ्यचर्या (कम्पेटेंसी बेस्ड करिकुलम) से उत्पन्न हुआ। इस पाठ्यचर्या में सुझाव दिया गया था कि फिजियोथेरेपी स्नातक अपने नाम के साथ 'डॉ.' उपसर्ग और 'PT' प्रत्यय (सफिक्स) का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) और भारतीय भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास संघ (IAPMR) सहित कई संगठनों ने इस प्रावधान पर कड़ा विरोध जताया।