हार्वेस्टर के आने से गांवों में धान कटाई की शुरुआत

हार्वेस्टर के आने से गांवों में धान कटाई की शुरुआत

खोखरा गांव मे आ गया हार्वेस्टर
जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा। धान की फसल कटाई का समय आ गया है, और इस साल आधुनिक तकनीक के चलते किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। गांवों में हार्वेस्टर मशीनों का आगमन हो चुका है, जिससे कटाई का काम तेजी और कुशलता से हो सकेगा। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम खोखरा मे हार्वेस्टर के आने से धान कटाई का कार्य तेजी से शुरू होने वाला है, इस संबंध मे खेतों मे पहुंचकर जानकारी एकत्रित कर रहे चैनल इंडिया के पत्रकार राजेश राठौर ने बताया की खेतो मे किसानो के धान पक चुके है। अब किसान गीली जमीन को सुखने का इँतजार कर रहे है, ताकी भारी भरकम हार्वेस्टर के चक्के खेतों मे धसने ना पाए और तेजी से फसलों की कटाई पूर्ण हो सके।

तेजी से होगा फसल कटाई का काम

पारंपरिक तौर-तरीकों से धान की कटाई में कई दिन लग जाते थे। हार्वेस्टर के इस्तेमाल से एक दिन में कई एकड़ जमीन पर धान काटा जा सकता है। इससे किसानों को समय की बचत होगी और फसल भी सुरक्षित रहेगी।

मजदूरों की कमी का हल

गांवों में इन दिनों खेती के लिए मजदूरों की कमी महसूस की जा रही थी। ऐसे में हार्वेस्टर का उपयोग एक बड़ी समस्या का समाधान करेगा। मशीनें एक ही समय में कटाई, मड़ाई और सफाई का काम करती हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त मेहनत से बचने का मौका मिलेगा।

फायदे और चुनौतियां

हार्वेस्टर मशीन का उपयोग समय और श्रम की बचत करता है, लेकिन इसका खर्च सभी किसानों के लिए वहन करना आसान नहीं है। छोटे किसानों को मशीन किराए पर लेने की सुविधा दी जा रही है। सरकार और सहकारी समितियां भी किसानों को सब्सिडी पर हार्वेस्टर मुहैया करा रही हैं।

गांवों में उत्साह का माहौल

हार्वेस्टर मशीनों के आने से गांवों में उत्साह का माहौल है। किसान जल्दी कटाई के बाद रबी की फसल की तैयारी कर सकेंगे।
"मशीन के आने से हमें बड़ा फायदा होगा। अब हम जल्दी फसल कटाई कर पाएंगे और नुकसान भी कम होगा," एक स्थानीय किसान ने कहा।

सरकार और प्रशासन का मिलता है  सहयोग

सरकार भी इस प्रक्रिया में किसानों का सहयोग कर रही है। कृषि विभाग द्वारा मशीनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

धान कटाई का यह नया दौर किसानों के लिए राहत और खुशी लेकर आ रहा है। हार्वेस्टर का उपयोग न केवल समय बचाएगा बल्कि फसल उत्पादन प्रक्रिया को भी अधिक कुशल बनाएगा