हथियार डाले बिना नक्सलियों से बात नहीं करेगी सरकार, अमित शाह की बैठक में वार्ता पर मंथन नहीं

हथियार डाले बिना नक्सलियों से बात नहीं करेगी सरकार, अमित शाह की बैठक में वार्ता पर मंथन नहीं

रायपुर (चैनल इंडिया)। छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का तेजी से खात्मा हो रहा है, इस बीच नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी ने परचा जारी कर केंद्र और राज्य सरकारों से शांतिवार्ता की पेशकश की थी लेकिन सरकार का रुख अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। एक दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी छत्तीसगढ़ आकर नक्सल मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक ली थी। जानकार उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो नक्सलियों के प्रस्ताव पर इस बैठक में कोई बात नहीं हुई है। दरअसल नक्सलियों से शांतिवार्ता के सवाल पर केंद्र और राज्य सरकार का स्पष्ट स्टैंड है कि नक्सली पहले हथियार डाले उसके बाद वार्ता के लिए आगे आएं। 
 नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने पर्चा जारी करके कहा है कि  वे सरकार के साथ युद्ध विराम को तैयार हैं यदि वो हमारे खिलाफ जारी ऑपरेशन को रोक दें। ये फैसला लेने से पहले नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी की बैठक हैदराबाद में हुई थी, इसके बाद नक्सलियों के प्रवक्ता ने एक पर्चा जारी कर सरकारों से शांति वार्ता की पहल की है। 
 नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान चल रहा है, इसमें कई बड़े कैडर के नक्सली ढेर हुए हैं। इससे नक्सलियों को बड़े झटके लगने लगे हैं और नक्सलवाद कमजोर पड़ रहा है। नक्सल संगठन में भारी हडक़ंप मचा हुआ है। इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह पिछले दिनों छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा जिले में आए थे। लेकिन इससे पहले ही राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस शांति वार्ता के प्रस्ताव कहा था कि हथियार छोड़े बगैर बातचीत नहीं हो सकती। राज्य पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सरकार ये नक्सलियों की ये शर्त मानने को कतई तैयार नहीं है कि नए सुरक्षा कैंप नहीं खुलना चाहिए। सूत्रों का कहना है ये सरकार के अधिकार क्षेत्र की बात है कि कहां कैंप खोले कहां थाना। इसी तरह नक्सलियों द्वारा पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा सीजफायर करने की बात को भी पूरी तरह खारिज किया गया है।