100 साल पुराने हरे-भरे पेड़ पर खतरा, नगर पालिका के फैसले का स्थानीय लोगों ने किया विरोध

100 साल पुराने हरे-भरे पेड़ पर खतरा, नगर पालिका के फैसले का स्थानीय लोगों ने किया विरोध

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट 

जांजगीर-चांपा। शहर के वार्ड 11 में स्थित 100 साल पुराना हरा-भरा और छायादार पेड़ नगर पालिका के निशाने पर आ गया है। नगर पालिका प्रशासन इसे काटने की तैयारी में जुटा है, जिससे स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए हैं। पेड़ को बचाने के लिए पालिका वासी एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि इस ऐतिहासिक पेड़ को संरक्षित किया जाए।

पालिका प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच टकराव

इस पेड़ की कटाई को लेकर नगर पालिका के सीएमओ के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन का तर्क है कि विकास कार्यों के लिए इस पेड़ को हटाना आवश्यक है, लेकिन स्थानीय नागरिक इस तर्क को खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह पेड़ न केवल छाया और ताजी हवा प्रदान करता है, बल्कि वार्ड की सुंदरता और पहचान का भी हिस्सा है।

विरोध कर रहे स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शहर में हरियाली तेजी से घट रही है, और ऐसे में 100 साल पुराने पेड़ को काटना एक गंभीर पर्यावरणीय अपराध होगा। उन्होंने नगर पालिका से अपील की है कि विकास के नाम पर प्रकृति का विनाश न किया जाए और इस पेड़ को बचाने के लिए वैकल्पिक समाधान निकाला जाए।

पेड़ बचाने के लिए स्थानीय लोग लामबंद

नगर पालिका द्वारा पेड़ को काटने की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग जुटकर इसका विरोध करने लगे। वार्डवासियों ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी की और "पेड़ बचाओ, पर्यावरण बचाओ" का संदेश दिया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आज के समय में जब पेड़ लगाना सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है, तब 100 साल पुराने इस वृक्ष को काटना एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय होगा। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि नगर पालिका इस फैसले को वापस नहीं लेती, तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

क्या प्रशासन जनता की आवाज सुनेगा?

नगर पालिका की इस कार्रवाई से स्थानीय लोग निराश और नाराज हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन जनता की भावनाओं का सम्मान करता है या फिर 100 साल पुराने इस छायादार पेड़ को विकास के नाम पर काट दिया जाएगा? क्या लोगों का विरोध इस ऐतिहासिक पेड़ को बचा पाएगा, या फिर यह सिर्फ एक याद बनकर रह जाएगा?