देवी दाई मंदिर में आयोजित हो रहा शिव महापुराण कथा महोत्सव

देवी दाई मंदिर में आयोजित हो रहा शिव महापुराण कथा  महोत्सव

जांजगीर-चाम्पा से राजेश राठौर की रिपोर्ट 
जांजगीर-चाम्पा। शिवमहापुराण कथा में  द्वितीय दिवस की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए कथावाचक पंडित संदीप मिश्रा ने शिवमहापुराण कथा का महात्मय का श्रवण कराया। आचार्य ने बताया भगवान् शंकर सहज ही कृपा अपने भक्तों पर करते हैं। समस्त कामनाओं की पूर्ति श्री शिव महापुराण की कथा अवश्य करती है इसलिए जहां भी भगवान् शंकर की कथा श्रवण करने हेतु  प्राप्त हों व्यक्ति को वहां अवश्य जाना चाहिए। आचार्य ने कलियुग में सबसे आवश्यक भगवान् शंकर की भक्ति को बताया ये समस्त भक्तों का सहज ही कल्याण करने वाली है व्यक्ति अपना कल्याण चाहता हैं तो उसे शिव महापुराण अवश्य सुनना चाहिए। आचार्य ने शिव की भक्ति से जुड़ने हेतु श्रवण, कीर्तन, मनन के बारे में बताया इन तीनों मार्ग से भक्ति के परम पथ पर आसानी से जुड़ा जा सकता है। भगवान् की कथा से जुड़ने से भगवान की लीलाओं का हमें अनुभव होता हैं। इसलिए भक्ति का प्रथम चरण श्रवण करते हैं, दूसरा चरण कीर्तन हैं भगवान् की कथा को श्रवण करने हेतु हमें कीर्तन अवश्य करना चाहिए। तीसरा चरण भगवान् की भक्ति का मनन है किसी भी अध्यात्मिक कथा को श्रवण करने के बाद् उस कथा में मनन भक्ति को और सफल बनाती है। आचार्य ने  इसके बाद भगवान् शंकर का अग्नि स्तम्भ के रूप में प्रकट होकर ब्रह्मा विष्णु का आभिमान दमन की कथा सुनाया। इसके बाद आचार्य ने पार्थिव शिवलिंग, पूजन, महात्मय, पार्थिव पूजन में पूजन को अलग अलग भाव से किस प्रकार पूजन किया जावे अपने कामना के अनुसार इस बात का विस्तार से वर्णन कराया। पार्थिव शिवलिंग की पूजा प्रत्येक मानव को अपने जीवन में एक बार अवश्य करना चाइये ये सकल मनोर्थ को पूर्ण करने वाला हैं। विदित हो कि देवी मंदिर जांजगीर के मंदिर प्रांगण में बहुत आधुक संख्या में पहुंच रहे है, कथा का लाईव प्रसारण दोपहर 3 बजे से प्रारम्भ किया जा रहा हैं। माँ कुल देवी मंदिर सहित पुरानी बस्ती जांजगीर का माहौल शिवमय वातावरण बन चुका हैं। भगवान् शंकर का विवाह महोत्सव  रविवार के दिन रखा गया हैं उस दिन की तैयारी माँ कुल देवी मंदिर द्वारा बड़े जोर शोर से किया गया  हैं। आचार्य ने समस्त श्रद्धालुओं को शिव कथा कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने कहा गया हैं।