सरकार की कार्रवाई से तय समय से पहले खत्म हो सकता है नक्सलवाद: डीएम अवस्थी

सरकार की कार्रवाई से तय समय से पहले खत्म हो सकता है नक्सलवाद: डीएम अवस्थी

रायपुर (चैनल इंडिया)। छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। बुधवार को सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई में एक करोड़ के इनामी नंबाला केशव राव उर्फ  बसवराजू समेत 27 नक्सलियों को ढेर किया गया। छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी ने नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई की तारीफ की और इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने दावा किया कि अगर सरकार ऐसी कार्रवाई जारी रखती है तो तय समय से पहले नक्सलवाद को खत्म किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि बुधवार 21 मई को नक्सलवाद के खिलाफ हुए ऑपरेशन को इतिहास का सर्वाधिक सफल ऑपरेशन मानना चाहिए। पिछले 30 साल से बस्तर क्षेत्र, नक्सलवाद की समस्या झेल रहा था। इस भूमि को लाल आतंक से मुक्त करने के लिए, सैकड़ों जवानों और अधिकारियों ने अपनी जान गंवा दी। पिछले एक साल और खास तौर पर बुधवार को हुई कार्रवाई को मील का पत्थर या कीर्तिमान कहना चाहिए। बसवराजू की मौत हुई और कई नक्सली उसके साथ मारे गए। आज तक के इतिहास में कभी भी महासचिव स्तर का नक्सली एनकाउंटर में नहीं मारा गया है।

डीएम अवस्थी ने कहा कि जो फोर्स गई, उनकी इनपुट अच्छी थी। यह कहना पड़ेगा कि इंटेलिजेंस इंफॉर्मेशन और प्लानिंग बहुत अच्छी थी। नक्सलियों का इतना बड़ा शीर्ष नेता बड़े सुरक्षा घेरे में रहता था। वो कम से कम 30 से 50 पर्सनल बॉडीगार्ड की सुरक्षा में रहता था, जो कि बड़े ट्रेंड कमांडो रहते हैं। उन सब का सामना करके जिस तरह से सफलता मिली है, मैं समझता हूं कि भारत के इतिहास में नक्सलवाद के खिलाफ  यह सबसे सफल ऑपरेशन है। जिन जवानों ने दुर्गम इलाके में जाकर इस ऑपरेशन को किया, उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। 

उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि नक्सली आज बहुत बुरी तरह से बैकफुट पर हैं, क्योंकि पिछले कुछ समय से वह लोग खुद ही शांति वार्ता के प्रस्ताव ला रहे हैं। जब भी शांति वार्ता के प्रस्ताव आते हैं तो वह लोग बैकफुट पर होते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी ताकत को दोबारा जोडऩा पड़ता है। केंद्र और राज्य सरकार ने समर्पण की नीति रखी है, ऐसे में वे चाहें तो आत्मसमर्पण कर सकते हैं। अगर वो शांति नहीं करेंगे और भारत के संविधान के साथ नहीं चलेंगे, ऐसे में ऑपरेशन जारी रहेंगे और जब बड़े-बड़े लीडर मारे जाएंगे तो छोटे लोगों को वैसे ही सरेंडर करना पड़ेगा।