सरकारी खर्च में सड़क और रेलवे मंत्रालय सबसे आगे, नई रिपोर्ट में हुआ खुलासा
नई दिल्ली। जब भी देश की आर्थिक विकास दर और जीडीपी ग्रोथ की बात होती है, तो सरकारी खर्च की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में सरकार ने पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के मोर्चे पर तेज़ी दिखाई है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) के अनुसार, अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच केंद्र सरकार ने अपने कुल बजट अनुमान का करीब 52 प्रतिशत पूंजीगत खर्च कर लिया है।
इन आंकड़ों के मुताबिक, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा रेलवे मंत्रालय सरकारी खर्च के मामले में सबसे आगे रहे हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस अवधि में अपने वार्षिक बजट अनुमान का लगभग 63 प्रतिशत, जबकि रेलवे मंत्रालय ने करीब 57 प्रतिशत खर्च किया है। यह दोनों मंत्रालयों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, जिससे यह साफ है कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश की गति लगातार बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ता सरकारी खर्च देश की आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सड़क, रेल और रक्षा जैसे मंत्रालयों में बढ़ते निवेश से न केवल उत्पादन और रोजगार सृजन को बल मिल रहा है, बल्कि इससे निजी निवेश (Private Investment) को भी बढ़ावा मिल रहा है।
सीजीए के अनुसार, सरकारी पूंजीगत व्यय में यह तेजी यह दर्शाती है कि सरकार आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए भौतिक ढांचे (Infrastructure) पर फोकस बनाए हुए है। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खर्च और तेज़ी पकड़ने की संभावना है, क्योंकि सरकार आमतौर पर साल के उत्तरार्ध में बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए फंड रिलीज़ करती है।
कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में सरकारी खर्च का यह स्तर यह संकेत देता है कि सरकार का ध्यान अब भी विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण को प्राथमिकता देने पर केंद्रित है — और सड़क एवं रेलवे मंत्रालय इसमें सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं।

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