सुकमा का बड़ेसट्टी बना पहला नक्सली इलवद पंचायत, 11 इनामी माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

सुकमा (चैनल इंडिया)। जिले में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी सफलता मिली है. ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी को जिले का पहला नक्सल मुक्त ग्राम (इलवद पंचायत) घोषित किया गया है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीडि़त राहत पुनर्वास नीति-2025 के अंतर्गत नक्सली इलवद पंचायत योजना के तहत दर्ज की गई है।
इस योजना के तहत ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी के कुल 11 सक्रिय माओवादियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण किया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में तीन पुरुष और एक महिला नक्सली पर दो-दो लाख रुपये तथा एक पुरुष नक्सली पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इस तरह कुल 8 लाख 50 हजार रुपये का इनामी नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ शासन की नीति के अनुसार, नक्सल मुक्त घोषित ग्राम पंचायत को एक करोड़ रुपये का विशेष प्रोत्साहन राशि विकास कार्यों के लिए प्रदान की जाएगी।
नक्सली शीघ्र हथियार डालें: अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 22 कुख्यात नक्सलियों नक्सलियों की गिरफ्तारी और सुकमा जिले में 33 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर सुरक्षा बल के जवानों और छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाई दी है। अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में विभिन्न ऑपरेशन्स में कोबरा कमांडो और छत्तीसगढ़ पुलिस ने 22 कुख्यात नक्सलियों को आधुनिक हथियारों और विस्फोटक सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि सुकमा में 33 नक्सलियों ने सरेंडर कर मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति पर विश्वास जताया है। अमित शाह ने कहा कि सुकमा की बडेसेट्टी पंचायत में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिससे यह पहला नक्सलवाद सदस्य मुक्त पंचायत (इलवद पंचायत) बन गया है। साथ ही सुकमा में अन्य 22 नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण किया, जिससे सरेंडर करने वालों की कुल संख्या बढक़र 33 हो गई है। गृहमंत्री ने छिपे हुए नक्सलियों से अपील की कि वे मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाकर यथाशीघ्र हथियार डालें और मुख्यधारा में शामिल हों। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 से पहले हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं।
वार्ता का माहौल बनाने को एक महीने का युद्ध विराम लागू हो: नक्सली
लगातार अपने साथियों के मारे जाने और आत्मसमर्पण किए जाने से परेशान नक्सलियों ने सरकार के नाम एक और पत्र जारी किया है। नक्सलियों ने अब कहा है कि वे चाहते हैं कि वार्ता के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए एक महीने का युद्ध विराम किया जाए। नक्सलियों के उत्तर पश्चिम सब ज़ोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश के नाम से जारी पत्र के मुताबिक उन्होंने गृहमंत्री विजय शर्मा का धन्यवाद जताया है। नक्सल नेता ने शांति वार्ता को लेकर कहा है कि मेरे पहले बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का धन्यवाद। मेरी सुरक्षा गारंटी देते हुए मेरे इस कोशिश को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए भी धन्यवाद। आगे उसने लिखा है कि, वार्ता के लिए हमारी तरफ़ से प्रतिनिधित्व के लिए नेतृत्वकारी कामरेडों से मिलना ज़रूरी है। इसलिए सरकार से मेरी अपील है कि, एक महीने तक सशस्त्र बलों के ऑपरेशन पर रोक लगाई जाए।