राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला: बहू की सैलरी से ससुर को 20 हजार मासिक भरण-पोषण

राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला: बहू की सैलरी से ससुर को 20 हजार मासिक भरण-पोषण

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अनोखे फैसले में बहू शशि कुमारी की सैलरी से हर महीने 20 हजार रुपये काटकर ससुर भगवान सिंह को देने का आदेश दिया है। यह व्यवस्था 1 नवंबर 2025 से शुरू होकर भगवान सिंह के जीवनकाल तक चलेगी।

कोर्ट की जोधपुर बेंच ने जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ के माध्यम से यह फैसला सुनाया। मामला 2015 का है, जब भगवान सिंह के बेटे राजेश कुमार की अजमेर डिस्कॉम में सेवा के दौरान मौत हो गई थी। अनुकंपा नियुक्ति का लाभ बहू शशि को मिला, लेकिन शपथ पत्र में भरण-पोषण का वादा करने के बावजूद उन्होंने ससुराल छोड़ दिया और पुनर्विवाह कर लिया।

कोर्ट ने कहा, "अनुकंपा नियुक्ति पूरे परिवार के कल्याण के लिए होती है, न कि केवल एक व्यक्ति के लिए। बहू वादे से पीछे नहीं हट सकती।" 'परिवार' में माता-पिता, पत्नी और बच्चे सभी शामिल हैं। यह फैसला प्रॉमिसरी एस्टॉपल सिद्धांत पर आधारित है।
प्रशासनिक हलकों में यह फैसला चर्चा का विषय बन गया है, जो परिवारिक जिम्मेदारियों को मजबूत करने की दिशा में एक मिसाल कायम कर सकता है।