भरुवाडीह कला में पंचदिवसीय रामायण समारोह का यज्ञहवन एवं पूर्णाहुति के साथ भव्य समापन

खरोरा से रोहित वर्मा की रिपोर्ट
खरोरा। भरुवाडीह कला गाँव में आयोजित पंचदिवसीय रामायण समारोह श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस आयोजन ने पूरे गाँव को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समारोह के दौरान रामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों का संगीतमय पाठ किया गया, जिसमें विद्वानों और कथा वाचकों ने रामायण के आदर्शों पर प्रेरणादायक प्रवचन दिए |समारोह के चौथे दिन दीपदान का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दीप जलाकर भगवान श्रीराम को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सरोवर तट और मंदिर प्रांगण हजारों दीपों की रोशनी से जगमगा उठा, जिससे पूरा वातावरण दिव्य और मंत्रमुग्धकारी बन गया। दीपदान कार्यक्रम ने भक्तों को आध्यात्मिक शांति और भक्ति की अनुभूति कराई।समापन समारोह में आयोजक समिति के अध्यक्ष नारायण साहू एवं उपाध्यक्ष रमेश निषाद ने कहा, "रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाला मार्गदर्शक है। ग्राम के शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा ने कहा ऐसे आयोजनों से समाज में नैतिकता और संस्कारों का संचार होता है। इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में आयोजन समिति के सदस्यों भगत निषाद, योगेश निषाद, हीरासिंग वर्मा, लाकेश्वर साहू और जागेश्वरी निषाद, वीणा ध्रुव का महत्वपूर्ण योगदान रहा। समिति के सदस्यों ने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की और इसे सफलतापूर्वक संपन्न किया। इनके अथक प्रयासों से पूरा समारोह अनुशासित और भावनात्मक रूप से प्रभावशाली बना | ग्राम के सरपंच चित्ररेखा सेतकुमार बंजारे ने सभी आगंतुकों और सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह समारोह सभी के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है और भविष्य में भी इसे और भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया और संकीर्तन के साथ समारोह का समापन हुआ। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का एक सुंदर प्रयास साबित हुआ।