भारत बंद : प्रदर्शनकारियों ने कोंडागांव के पुलिस अधिकारियों का पकड़ा कॉलर,हाथापाई कर कलेक्टोरेट में घुसे

भारत बंद : प्रदर्शनकारियों ने कोंडागांव के पुलिस अधिकारियों का पकड़ा कॉलर,हाथापाई कर कलेक्टोरेट में घुसे

कोंडागांव से संवाददाता मुकेश राठौर की रिपोर्ट

कोंडागांव। 21 अगस्त को अनुसूचित जाति और जनजाति संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में रैली निकालकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कलेक्टर कार्यालय के बाहर थ्री लेयर की बैरिकेडिंग की थी लेकिन सैकड़ों की संख्या में आए आंदोलनकारी घेराबंदी को तोड़ते हुए कलेक्ट्रेट के भीतर घुस गए और नारेबाजी करने लगे।  कलेक्ट्रेट के कुछ सामानों को नुकसान भी पहुंचाया।

पुलिस की समझदारी से टली बड़ी घटना

कोंडागांव कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शनकारियों के घुसने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस हंगामें के दौरान एक समय ऐसा आया कि प्रदर्शनकारियों ने कोंडागांव के आला पुलिस अधिकारियों का कॉलर पकड़ लिया और हाथापाई भी करने लगे। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से भीड़ को समझा कर शांत किया इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी है। आंदोलनकारियों का इस तरह से सुरक्षा तोड़कर कलेक्ट्रेट के भीतर घुसना और नारेबाजी करना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस प्रशासन की समझदारी से बड़ी घटना को रोका गया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ढंग से परोसा गया

 यह आंदोलन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में किया गया, जिसमें कोर्ट ने राज्यों को अनुसूचित जाति और जनजातियों के भीतर उप-श्रेणियां बनाने की अनुमति दी है। कोर्ट का कहना है कि आरक्षण का लाभ उन्हीं को मिलना चाहिए, जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है। पर चंद लोगो के मंसूबे कुछ और दिखे ,लोगो के सामने गलत तरीके से बातों को रखा गया और एसटी एससी के विभिन्न संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

  सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जो एससी-एसटी का परिवार गरीब हैं व जिस परिवार को आरक्षण का लाभ मिल नहीं रहा उन परिवारों को अब आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए क्योंकि 78 सालों से आरक्षण का लाभ कुछ सक्षम य्या उनके समकक्ष अमीर परिवार ही ऊठा रहें हैं और ये आरक्षण से वंचित परिवार ही एक एक दिन की दिहाड़ी लेकर या ओर कोई छोटा-मोटा लालच लेकर सड़कों पर उतर कर अपने ही बेटे-बेटियों का भविष्य तबाह करने पर अड़े हुए हैं।

सुप्रीम कोर्ट जब गरीब परिवार को आरक्षण देने कहा

यही आरक्षण से वंचित गरीब परिवार इन करोड़पति नेताओं, अधिकारियों से यह नहीं पूछते कि सुप्रीम कोर्ट ने गरीब परिवारों को आरक्षण देने की कह रहा हैं तो आपको क्या दिक्कत हैं,तो यही अमीर लोग इन गरीब परिवारों को आरक्षण मिल नहीं जाए इसलिए भ्रमित करते हुए कहते हैं कि आरक्षण समाप्त कर रहे हैं। संविधान ख़तरे में हैं जैसे कई अंगरल बातें कर बहकाया जाता है।

आठ लाख से कम आय वालों को आरक्षण

जब की सुप्रीम कोर्ट के अनुसार आठ लाख से कम आय वालों को आरक्षण दिया जाता हैं तो यह आरक्षण अमीरों के लिए समाप्त हो जाएगा,और खतरा संविधान को नहीं हैं बल्कि उन अमीर परिवारों के बेटे बेटियों को हैं जो 78 साल से आरक्षण की मलाई अकेले खा रहे हैं। पर अपने ही समाज के गरीब  भाई -बहनों को आरक्षण मिले तो उन्हें भ्रमित किया जा रहा है। उन्हें आगे आने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

एसटी,एसी पड़े लिखे युवाओं को कोर्ट की राय पढ़नी चाहिए

अब पढ़ें लिखे बालक-बालिकाओ को सुप्रीम कोर्ट की इस राय को पढना चाहिए और समझना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट किसका भला चाहता है। धनाढ्य को और आगे बढ़ना या अंदरूनी क्षेत्रो के युवा बेरोजगार को जिनके माता पिता आज भी मजदूरी कर बच्चों को पढ़ा रहे। फिर इन समझ में आ जाए कि इस निर्णय से केवल गरीब एससी-एसटी परिवारों को ही फायदा हैं तो फिर एकजुट होकर एससी-एसटी के सामंतवादी परिवारों से आरक्षण मुक्त कराने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा तभी गरीबों का भला हो सकता हैं। क्योंकि ये अमीर परिवार सीधे सीधे गरीबों को आरक्षण का फायदा लेने नहीं देंगे।