स्थापना दिवस पर विशेष : जन्माष्टमी और चैनल इंडिया का संयोग

स्थापना दिवस पर विशेष :  जन्माष्टमी और चैनल इंडिया का संयोग

दो दशक पहले जन्माष्टमी के दिन चैनल इंडिया का जन्म हुआ। जगदलपुर में मूसलाधार वर्षा के बीच हमारी यात्रा शुरु हुई। देश के प्रख्यात गीतकार, लेखक, विचारक जावेद अख्तर ने जगदलपुर पहुंचकर इसका शुभारंभ किया था। तब जावेद साहब ने कहा था कि अपने नाम के अनुरूप यह अखबार बस्तर छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के रोशनी देने का काम करेगा। जगदलपुर के बाद रायपुर संस्करण शुरू करके हम उसी दिशा में बढ़ रहे हैं।  इन दो दशकों के मीडिया के स्वरूप में भी परिवर्तन आया है। समाचार पत्रों को कुछ हद तक पीछे करते हुए सोशल मीडिया व इलेक्ट्रनिक मीडिया में अपनी एक अलग जगह बनाई है। अन्य समाचार पत्रों की तरह हमारे लिए भी चुनौतियां बढ़ी हैं लेकिन चैनल इंडिया का जन्म ही संघर्ष व चुनौतियों के बीच हुआ था। भगवान कृष्ण की तरह हमारा जन्म ही संघर्ष में हुआ था, इस वजह से चुनौतियां हमें मजबूत बनाती रही। हमारी जमीनी पकड़, जिसे बस्तर के एक-एक गांव में अपनी स्कूटर में घूमकर मैंने बनाई थी। चैनल इंडिया की जड़ों को मजबूत बनाती रही। किसी भी संस्था में 20-25 साल पुराने उसके कर्मचारी उसकी बड़ी ताकत होते हैं, इस यात्रा में मेरे अधिकतर कर्मचारी मेरे साथ रहे, यह मेरा सौभाग्य है। उतार-चढ़ाव में मेरे साथ खड़े रहे, मैं उनका ऋणी हूं।   आज भी अविभाजित बस्तर के सैकड़ों मेरे पुराने साथी ऐसे हैं जिनसे 10-20 सालों से मिला नहीं हूं, लेकिन आदर व स्नेह में कोई कमी नहीं है। रायपुर संस्करण में सफल होने से पहले जो बस्तर की बातें हम सिर्फ बस्तर में उठा पाते थे, अब वे मुद्दे रायपुर में प्राथमिकता से प्रकाशित कर रहे हैं। मां दन्तेश्वरी का आशीर्वाद व आप सभी का स्नेह इसी तरह बना रहे।

जय दंतेश्वरी, जय बस्तर  पवन दुबे प्रधान संपादक