रत्नावली कौशल ने जगह- जगह फहराया तिरंगा,अपने वक्तव्य से जीता लोगों का दिल

रत्नावली कौशल ने जगह- जगह फहराया तिरंगा,अपने वक्तव्य से जीता लोगों का दिल

मुंगेली से परमेश्वर कुर्रे की रिपोर्ट

मुंगेली। भाजपा नेत्री एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छग शासन पूर्व सदस्य रत्नावली कौशल ने स्वतंत्रता दिवस पर मुंगेली जिले के श्रीराम प्रभात श्री समिति द्वारा नया बस स्टैंड, बाल मंदिर स्कूल परमहंस वार्ड, उत्तरी शाला स्कूल सोनारपारा,ग्राम पंचायत चिरहुला के मुख्य समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल के आगमन पर क्षेत्रवासियों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा है कि भारत की आजादी की बड़ी कीमत हमारे पूर्वजों को चुकानी पड़ी है। आजादी के योद्धाओं से हारे अंग्रेजों ने जाते जाते हमारे भारत वर्ष को दो टुकड़ों में बांट दिया। देश का विभाजन 14 अगस्त के दिन कर पाकिस्तान नाम से अलग देश बना दिया गया। रत्नावली कौशल ने कहा कि देश के विभाजन के बाद जो रक्तपात हुआ उसके बारे में सुनकर ही रूह कांप जाती है। लाखों लोगों की नृशंस हत्याएं हुईं। पाकिस्तान से आने वाली ट्रेनों में लाशें भर भरकर आईं। वैसा ही अब बांग्लादेश में भी हो रहा है। भारत का विभाजन चंद नेताओं के कुर्सी मोह के कारण हुआ, लेकिन इसकी भारी कीमत हमारे देश की उस समय की पीढ़ी को चुकानी पड़ी थी। इस दर्द की टीस अभी भी महसूस की जाती है। रत्नावली कौशल ने कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव , अशफाक उल्ला खान सरीखे दर्जनों महानायकों के योगदान को हासिये पर डालकर हमें कुछ ही नामों के बारे में पढ़ाया जाता रहा है कि इन लोगों ने हमें आजादी दिलाई है। ऐसा चंद स्वार्थी राजनीतिज्ञ और उनके चाटुकारिता करने वाले इतिहासकारों ने किया है। हमें पूरी जानकारी से अनभिज्ञ रखने की बड़ी साजिश दशकों तक की जाती रही। रत्नावली कौशल ने कहा कि जिन लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ कभी एक कंकड़ भीनहीं उठाया, उन्हें स्वतंत्रता संग्राम का नायक बताया गया और जो महानायक कालापानी की सजा भोगते रहे उन्हें खलनायक साबित किया गया। इस दोगलेपन ने हमारी नई पीढ़ी को सच्चाई से अनजान रखा।

*नकली नहीं, असली हीरो से सीखें*

भाजपा नेत्री रत्नवली कौशल ने समारोह में मौजूद युवाओं और बच्चों से मुखातिब होते हुए कहा कि फिल्मी चकाचौंध से बाहर निकल कर असल जिंदगी के हीरो को अपना रोल मॉडल मानें। अगर बनना है तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, शहीद भगत सिंह, बिस्मिल्ला खान, सुखदेव, राजगुरु, अशफाक उल्ला खान, महारानी लक्ष्मी बाई, रानी दुर्गावती की तरह बनें और उन्हें अपना रोल मॉडल मानकर आगे बढ़े। फिल्मी दुनिया की कहानी तो मनगढंत होती है, मगर आजादी के इन शूरवीर लड़ाकों की कहानी खालिस असली है। अगर कुछ अच्छा सीखना है तो भगवान महावीर, गौतम बुद्ध, गुरु नानक देव, गुरु घासीदास जैसे संतों और महान आत्माओं से सीखें। इसी में आप सबकी प्रगति निहित है।रत्नावली कौशल के इस वक्तव्य पर जमकर तालियां बजी। स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के अतिथि मुख्य रूप से  नगर पालिका प्रभारी अध्यक्ष मोहन मल्लाह, पार्षद जितेंद्र दावड़ा,कैलाश रोहरा,संतोष लखानी,व्यास जायसवाल, योगेंद्र कुमार गर्ग, आशीष कुर्रे,ग्राम पंचायत चिरहुला सरपंच सनीता लखन कुर्रे, प्रिंसिपल जनार्दन जांगड़ा,सीमा मैडम समस्त शिक्षक गण ,छोटेलाल चतुर्वेदी,उपसरपंच रंजन जोशी,उत्तम चतुर्वेदी,ईश्वर ठाकुर, तीपराज सिंह ठाकुर,मनोज चंदेल, किशन खांडे,खुमान चतुर्वेदी,अजीत चंदेल,भागवत चतुर्वेदी,पंचराम भास्कर, खेलावन हरेंद्र चतुर्वेदी, बालकृष्ण सोनकर,रघुवंश परिहार, संतोष जायसवाल,रमेश देवांगन, होरीलाल शर्मा,गणपति देवांगन,रविराज सिंह,रुद्र तंबोली,सुलटू देवांगन,सुरेश सिंह,दिनेश देवांगन, प्रदीप सारथी, पंकज सोनी,परमानंद जायसवाल, नीरज छाबड़ा,राहुल ननोरिया, राम जी मनमोहन केसरवानी,लुकराम सोनकर, कुमारी दीदी,दुर्गा राही देवांगन,जाना देवांगन सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।