सुदामा-कृष्ण मिलन प्रसंग सुन भावुक हुए भक्त, भव्य झांकी ने मोहा मन, लोकेश राठौर भी पहुंचे भागवत कथा श्रवण करने

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर-खोखरा। ग्राम खोखरा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन का आयोजन भक्तों के लिए अत्यंत भावुक और दिव्य अनुभूति से भरा रहा। व्यास पीठ से पंडित पवन कुमार चतुर्वेदी ने जब सुदामा और कृष्ण के मिलन का हृदयस्पर्शी प्रसंग सुनाया, तो पूरा पंडाल श्रद्धा और भक्ति भाव से सराबोर हो गया। सुदामा की दीनता और भगवान श्रीकृष्ण के असीम प्रेम का वर्णन सुनकर श्रोताओं की आंखें छलक उठीं।
कथा के दौरान जब सुदामा अपनी फटी धोती में लिपटे, चावल की पोटली लेकर भगवान कृष्ण के वैभवशाली दरबार में पहुंचे, तो पंडाल में सन्नाटा छा गया। जैसे ही कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा को गले लगाया, वैसे ही कथा सुनते हुए भक्तों की आंखों से अश्रुधारा बह निकली। श्रद्धालु उस भावुक क्षण में कृष्ण के मित्रवत् प्रेम और सुदामा की विनम्रता को अनुभव करते हुए भाव-विभोर हो उठे।
स्वयं पंडित पवन चतुर्वेदी भी कथा सुनाते हुए भावनाओं में इतने बह गए कि उनके नेत्रों से आंसू छलक पड़े। व्यास पीठ पर विराजमान पंडितजी की नम आंखें भक्ति के भाव को और भी जीवंत कर रही थीं।
आकर्षक झांकी बनी मुख्य आकर्षण:
कथा के दौरान सुदामा-कृष्ण मिलन की आकर्षक झांकी भी निकाली गई, जिसने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। झांकी में भगवान श्रीकृष्ण के भव्य दरबार का दृश्य प्रस्तुत किया गया, जहां सुदामा अपनी दीन-हीन अवस्था में पहुंचे। जैसे ही भगवान ने अपने मित्र को गले लगाया, वैसे ही झांकी का यह दृश्य देख श्रद्धालु भाव-विह्वल हो गए। झांकी में भगवान का रथ, शंख, चक्र और मुकुट धारण किए सुंदर स्वरूप के साथ सुदामा का भावुक अभिनय अत्यंत प्रभावी रहा।
झांकी के दौरान भजनों का सुमधुर संकीर्तन भी हुआ, जिसमें श्रद्धालु भक्ति में झूम उठे। भजन गायकों ने "कान्हा ने सुदामा से मित्रता निभाई थी..." जैसे भजनों से माहौल को भक्तिमय कर दिया।
विशिष्ट अतिथि लोकेश राठौर ने किया रसपान:
इस पावन अवसर पर नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य लोकेश राठौर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने सुदामा-कृष्ण मिलन प्रसंग का रसपान करते हुए कहा, "भागवत कथा का श्रवण जीवन में पुण्य को बढ़ाने वाला है। यह व्यक्ति को धर्म, भक्ति और सच्चे प्रेम का मार्ग दिखाता है।" उन्होंने भक्तों से जल, धर्म और सेवा के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
श्रद्धालुओं ने किया भक्ति का अनुभव:
कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा के दौरान भक्त भाव-विभोर होकर श्रीकृष्ण की भक्ति में डूब गए। पंडाल में चारों ओर "हरे राम, हरे कृष्ण" और "सुदामा-कृष्ण मिलन की जय" के जयकारे गूंज उठे।
कथा के समापन पर श्रीकृष्ण की भव्य महाआरती का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलित कर भगवान के चरणों में पुष्प अर्पित किए। महाआरती के बाद सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
कथा में विशेष रूप से उपस्थित रहे पदाधिकारी:
इस भव्य आयोजन में नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य लोकेश राठौर के अलावा कई गणमान्य नागरिक, ग्रामीणजन और श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा स्थल पर भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी, जो कथा में कृष्ण और सुदामा के मिलन का दिव्य आनंद लेते हुए भक्ति में डूबी रही।