विश्व जल दिवस पर "हसदेव नदी, जंगल बचाओ" सम्मेलन का आयोजन

विश्व जल दिवस पर "हसदेव नदी, जंगल बचाओ" सम्मेलन का आयोजन

सम्मेलन में आए अतिथियों का पौधा देकर किया गया स्वागत
जांजगीर चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट 
जांजगीर-चाम्पा। विश्व जल दिवस पर पामगढ़ के सतनाम भवन में हसदेव नदी, जंगल बचाओ संबंधित सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें अलग-अलग क्षेत्र से लोग पहुंचे, सम्मेलन में आए अतिथियों का स्वागत पौधा देकर किया गया। सम्मेलन की शुरुआत पर्यावरण ऐक्टिविस्ट काजल कसेर द्वारा जल संरक्षण की शपथ दिलाकर की गयी। सभा का संयोजन समाजसेवी विनय गुप्ता, संचालन काजल कसेर एवं अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी चैतराम देव खटकर द्वारा किया गया। मुख्य वक्ताओं में बिलासपुर से पहुंचे हसदेव नदी जंगल बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता प्रथमेशसविता ने हसदेव आंदोलन को पूरे क्षेत्र में विस्तार देने के लिए पामगढ़ सहित आसपास के सभी गांवों में संगठन निर्माण की बात कही। उनकी इस बात से सभी ग्रामीणों सहमत थे कि इस क्षेत्र में पेयजल के साथ साथ सिंचाई के लिए पूरी आबादी बांगो बांध की नहरों पर निर्भर है और यदि कोयला खदानों के लिए जंगल काटे जाएंगे जिससे बांध का अस्तित्व खत्म हो जाएगा तब इस क्षेत्र में भविष्य में आकाल की स्थिति निर्मित हो जाएगी। जांजगीर से आए दिनेश शर्मा ने आंकड़ों सहित अपनी बात रखते हुए कहा कि बांध जो अभी भी 18 प्रतिशत सिल्ट से भर चुका है हर बीस वर्ष में 10 प्रतिशत सिल्ट भरती है यदि जंगल कटाई नहीं रोकी गई तो सिल्ट भरने की रफ्तार कई गुना बढ़ जाएगी। जिस बांध से तीन फसलों के लिए पानी देने का वादा था आज उससे दूसरी फसल के लिए भी पानी देने में सरकार की कोई प्लानिंग नहीं है मेनेजमेंट में खामी है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं मुखर वक्ता राधेश्याम शर्मा ने जंगलों की कटाई के लिए हसदेव में हो रहे अत्याचार और शोषणकारी नीतियों पर कटाक्ष की और जनता को जागरूक किया। सभा में विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य श्रीमती प्रीति अजय दिव्य सभा ने कविता के माध्यम से जल और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया। अन्य जन प्रतिनिधि एवं कुछ प्रगतिशील व्यक्तित्व में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गौरी छोटू जांगड़े, अमरताल सरपंच श्रीमती मिथिलेश बघेल, श्रीमती निर्मला नायक, रामनाथ जीतपूरे,  अभिषेक मिश्रा, ललित बघेल, पवन सिंघानिया, डॉ हेमंत कश्यप, भूतपूर्व सैनिक यादव जी,अधिवक्ता तिवारी, श्रीमती कुमारी कंसारी, राहुल राय, मंगल अजगले, परदेशी कश्यप, ईश्वर साहू, टिकेश्वर चंद्र, अजय मिश्रा इत्यादि उपस्थित थे एवं जल, जंगल, जमीन के संरक्षण को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।