अमित शाह के नक्सल मुक्त विकसित बस्तर का सपना, अब साकार होने की दहलीज पर

बस्तर। बस्तर से रोज आने वाली हिंसा की खबरें प्रत्येक देशवासी के साथ दश के गृहमंत्री अमित शाह को उद्वेलित करती थीं। आखिरकार तीन साल पहले उन्होंने बस्तर को नक्सल हिंसा से मुक्त कर विकास की मुख्य धारा से जोडऩे का संकल्प लिया और फिर शुरू की रणनीति बनाने की तैयारी। तीन साल पहले जब अमित शाह ने बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की बात कही थी, तो इसे असंभव और नामुमकिन माना जा रहा था क्योंकि सभी जानते हैं कि बस्तर में नक्सलियों की जड़ें कितनी मजबूत हैं। परंतु अमित शाह ने हिम्मत नहीं हारी और देशभर के विशेषज्ञों के साथ लगातार बैठकें कर इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने की पुख्ता रणनीति बनाई। बेशक काम बहुत मुश्किल था लेकिन कई स्तरों पर बनाई गई रणनीति का परिणाम है कि आज नक्सली बैकफुट पर हैं और अब वे घुटनों के बल बैठ चुके हैं। अमित शाह साफ कह चुके हैं कि मार्च 2026 के बाद नक्सलवाद बस्तर में इतिहास के रूप में याद किया जाएगा।
बस्तर ओलंपिक के समापन सत्र में दिसम्बर में बस्तर पहुंचे अमित शाह ने कहा था कि आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आऊंगा और कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है। उनका कहना था कि बस्तर बदल रहा है, से बस्तर बदल गया, के यात्रा की शुरुआत बस्तर ओलंपिक ने की है। पिछले करीब सवा साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के विकास की नई इबारत लिखी है और बस्तर के गांव-गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर के युवाओं और उनकी प्रतिभा के मुरीद हैं। उनका कहना है कि बस्तर का युवा हार मानने वाला नहीं है। उनका मानना है कि नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा। जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोडक़र मुख्यधारा में वापसी की है। आज चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है। उनका कहना है कि जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास एक नयी ऊर्जा का महसूस कराता है। राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने नियद नेल्लानार योजना को अमित शाह सराहते हैं। उनका कहना है कि इस योजना के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए है। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से सडक़, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचाई जा रही हैं। वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की भी बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं।
अमित शाह के सपने को साकार करने सीएम साय ने मैदान पर सम्भाला मोर्चा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिस तरह से नक्सल विरोधी अभियान का नेतृत्व किया, उसी का यह परिणाम है कि आज बस्तर में नक्सलियों की सांसें टूट रही हैं। सुरक्षा जवानों के साथ मुख्यमंत्री साय ने बस्तर के विकास का जो ताना-बाना बुना, उससे बस्तरवासियों के ह्रदय में सरकार के प्रति विश्वास पैदा हुआ और बस्तर के ऐसे कई गांव हैं, जहां आज नक्सलियों की आमद बंद कर दी गई है। नक्सलियों के साथ सीधी लड़ाई लडऩे वाले सुरक्षा जवानों के साथ मुख्यमंत्री हर वक्त खड़े नजर आए। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि पिछले साल नवम्बर में मुख्यमंत्री बस्तर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सेडवा कैंप पहुंच गए। वहां उन्होंने जवानों के साथ भोजन किया और रात्रि विश्राम भी कैम्प में ही किया। वहां उन्होंने जवानों से कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल आपरेशन में मिल रही सफलता की पूरे देश में चर्चा हो रही है। आप लोगों ने जिस तरह नक्सली आतंक को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की हैं, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। आप लोग परिवार से दूर रहकर और सुख-सुविधाओं को त्याग कर बस्तर के विकास में जो योगदान दे रहे हैं, उससे आप लोगों ने यहां के जनजातीय समुदायों के हृदय में अपने लिए हमेशा हमेशा के लिए जगह बना ली है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जब भी मेरी मुलाकात होती है तो वे नक्सल अभियान में छत्तीसगढ़ को मिल रही सफलता का जिक्र जरूर करते हैं। गृह मंत्री अमित शाह का नक्सल ऑपरेशन में सतत मार्गदर्शन और सहयोग मिलते रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में हमने नक्सलवाद को वर्ष 2026 तक समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का भी यही संदेश है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार के सहयोग से 15,000 पक्के प्रधानमंत्री आवास बनाए जाएंगे। नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर- विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे से बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिलेगी। पूरे अंचल में वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नये मौके भी सृजित होंगे। पर्यटन के क्षेत्र में भी बस्तर ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कांगेर घाटी में स्थित गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अपने अपग्रेड प्रोग्राम फॉर बेस्ट टूरिज्म विलेज के अंतर्गत पर्यटन के विकास के लिए चुना गया है।