छत्तीसगढ़ में पतंजलि देगा वेद-पुराण व गीता ज्ञान

Patanjali will provide knowledge of Vedas Puranas and Gita in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में पतंजलि देगा वेद-पुराण व गीता ज्ञान

रायपुर (चैनल इंडिया)। छत्तीसगढ़ में समाान्यत: तीन तरह के बोर्ड से पढ़ाई होती है। सीबीएसई बोर्ड, आईसीएस बोर्ड और छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड। इनके बाद अब छत्तीसगढ़ में भारतीय शिक्षा बोर्ड ने दस्तक दे दी है। भारतीय शिक्षा बोर्ड स्कूलों को मान्यता प्रदान करेगा और छात्रों को अंकसूची प्रदान करेगा। बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि इसका संचालन करेगी। 

 सीबीएसई और राज्य बोर्ड से पृथक इस बोर्ड के संचालन के लिए शिक्षा मंत्रालय से अनुमति मिल चुकी है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही यह बोर्ड अपने अधीन अध्यापन कार्य प्रारंभ कर रहा है। विशेष बात यह है कि अब तक प्रदेश 80 स्कूलों ने इस बोर्ड से मान्यता भी ले ली है। संरक्षक मुरारी बापू, अध्यक्ष बाबा रामदेव, कार्यवाहक अध्यक्ष आईएएस एनपी सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी महाराज और सचिव आचार्य बालकृष्ण होंगे।

 भारतीय शिक्षा बोर्ड के अनुसार उनके पाठ्यक्रम में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक ज्ञान संपदा जैसे वेद, उपनिषद, दर्शन, महाभारत, गीता, पुराण, गुरुग्रंथ साहिब, जैन दर्शन, बौद्ध दर्शन आदि के ज्ञानतत्व का समावेश रहेगा। भारतीय शिक्षा बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम का निर्धारण किया जा चुका है तथा इस सिलेबस के आधार पर किताबें भी तैयार की जा चुकी हैं। 

 बोर्ड का कहना है कि छात्रों को संगीत, चित्रकला, शिल्पकला, नाटक, कठपुतली और नुक्कड़ नाटकों द्वारा शिक्षा प्रदान की जाएगी। छात्रों को रट्टा मार पढ़ाई से मुक्ति देने और विद्यार्थियों पर किताबों का बोझ कम करने का प्रयास भी किया जाएगा। छात्रों को पहली कक्षा से ही संस्कृत की शिक्षा दी जाएगी। पाठ्यक्रम में योग विज्ञान के प्रयोगात्मक और अध्यनात्मक शिक्षा का अनिवार्य रूप से समावेश होगा। अनिवार्य रूप से समावेश होगा। इतिहास की पुस्तकों में भारत के क्रांतिवीरों एवं आध्यात्मिक गुरुओं की गाथाओं का समावेश किया जाएगा। पाठ्यक्रम के जरिए विद्यार्थियों को माता-पिता, गुरुजनों और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य बोध कराया जाएगा।