बिजली बिल हॉफ योजना: विरोध के बाद अब परीक्षण, फिर बनेगा प्रस्ताव

बिजली बिल हॉफ योजना: विरोध के बाद अब परीक्षण, फिर बनेगा प्रस्ताव
रायपुर (चैनल इंडिया)। बिजली बिल हॉफ योजना का दायरा चार सौ यूनिट से कम करके सौ यूनिट करने के बाद प्रदेश में चौतरफा शिकायतें हो रही हैं कि बिल ज्यादा आ रहा है और उपभोक्ता परेशान हैं। इस मामले में दीपावली मिलन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संकेत दिए थे कि प्रदेश सरकार इस मामले में विचार कर रही है। 
अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऊर्जा विभाग छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी के माध्यम से परीक्षण कराने में लगा है कि उपभोक्ताओं को इससे कितना नुकसान हो रहा है। इसका दायरा बढ़ाये जाने पर क्या होगा, सरकार पर कितना भार आएगा, इसको लेकर परीक्षण किया जा रहा है। सबसे अहम यह देखा जाएगा कि किसी भी हाल में पीएम सूर्य घर मुक्त योजना प्रभावित न हो। प्रदेश सरकार यह चाहती है कि उपभोक्ता परेशान भी न हों और पीएम सूर्य घर योजना का काम भी चलता रहे। ऐसा की कोई रास्ता निकालने के लिए परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण की रिपोर्ट मिलने के प्रदेश सरकार बिजली बिल हॉफ योजना के संशोधन पर फैसला करेगी। 
प्रदेश में बिजली बिल हॉफ योजना का प्रारंभ कांग्रेस सरकार के समय किया गया था। इस योजना में प्रदेश भर के 45 लाख से ज्यादा घरेलू उपभोक्ताओं को चार सौ यूनिट बिजली की खपत पर आधा बिल लगता था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह योजना चल रही थी, लेकिन इस साल अगस्त में प्रदेश सरकार ने इस योजना में चार सौ यूनिट का दायरा कम कम करके सौ यूनिट कर दिया गया है। जिन उपभोक्ताओं की खपत सौ यूनिट के अंदर हो रही है, उनको ही बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ मिल रहा है, जिन उपभोक्ताओं की खपत सौ यूनिट से एक यूनिट भी ज्यादा हो जाती है, उनको योजना का लाभ नहीं मिलता है।
परीक्षण के बाद भेजेंगे प्रस्ताव
ऊर्जा सचिव डॉ. रोहित यादव ने बताया कि,बिजली बिल हॉफ योजना को लेकर परीक्षण किया जा रहा है कि इसमें क्या किया जा सकता है। यह भी देखा जाएगा कि पीएम सूर्य घर मुक्त योजना प्रभावित न हो। परीक्षण के बाद प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को दिया जाएगा। इसके बाद सरकार इस मामले में फैसला करेगी।