बंगाल में सियासी घमासान, हिंदू संगठन को कोर्ट से मिली जुलूस निकालने की इजाजत, लेकिन शर्तें लागू

Political turmoil in Bengal

बंगाल में सियासी घमासान, हिंदू संगठन को कोर्ट से मिली जुलूस निकालने की इजाजत, लेकिन शर्तें लागू

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में रामनवमी से पहले सियासी तकरार छिड़ गई है। बीजेपी और TMC आमने- सामने आ गई है। इसी बीच हावड़ा से एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि कोलकाता हाई कोर्ट ने अंजनी पुत्र सेना और विश्व हिंदू परिषद को रामनवमी का जुलूस निकालने की अनुमति दी है। ये जुलूस पुराने रास्ते से होकर ही निकाला जाएगा। हालांकि कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी है. रिपोर्ट के मुताबिक अंजनी पुत्र सेना की ये रैली नरसिंह मंदिर से शुरू होकर जीटी रोड से होते हुए हावड़ा मैदान में समाप्त होगी। यह कई वर्षों से एक वार्षिक कार्यक्रम रहा है. हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने शुरू में इस पर आपत्ति जताई थी और 2023 और 2024 में अदालती आदेशों के पिछले उल्लंघन का हवाला दिया था, जिसके कारण कई पुलिस मामले दर्ज किए गए और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच की थी।

ये जुलूस के रास्ते में मुस्लिम बहुल इलाका काज़ीपारा भी आएगा। जुलूस निकालने वालों के लिए कोर्ट ने कुछ शर्तें रखी है। एक जुलूस में सबसे ज्यादा 500 राम भक्त शामिल हो सकते हैं। यानि की अंजनीपुत्र सेना के जुलूस में 500 और विश्व हिंदू परिषद के जुलूस में 500 भक्त शामिल हो सकते है। इसके अलावा सभी पार्टिसिपेंट्स की लिस्ट नाम और ID proof के साथ पहले ही पुलिस को सूचित करना होगा। मेटल से बना हुआ कोई हथियार या लाठी का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। सिर्फ PVC से बना हुआ धार्मिक चिन्ह ही ले कर जुलूस में राम भक्त शामिल हो सकते है। ये रैली सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच पूरी होनी चाहिए।

इसके अलावा बता दें कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक होने वाली अपनी रामनवमी रैली के लिए अदालत से अनुमति प्राप्त कर ली है। इसका मार्ग बीई कॉलेज गेट नंबर 1 से मल्लिक गेट होते हुए रामकृष्णपुर घाट तक जाएगा, जिसमें समान प्रतिबंध लागू होंगे। यह फैसला तब आया है जब हावड़ा पुलिस ने सुरक्षा चिंताओं और पिछले उल्लंघनों का हवाला देते हुए अंजनी पुत्र सेना को 6 अप्रैल को रैली आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।