राजभवन में राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत हुए दिनेश चतुर्वेदी

राजभवन में राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत हुए दिनेश चतुर्वेदी

जांजगीर-चांपा से संवाददाता राजेश राठौर की रिपोर्ट

जांजगीर। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 01 जांजगीर (वर्तमान पीएमश्री सेजस क्र. 01) के व्याख्याता दिनेश चतुर्वेदी को राज्यपाल पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। दिनेश जी को यह सम्मान उनके शैक्षणिक सेवा के क्षेत्र में समर्पण एवं अपने विषय में नवीन प्रयोगों के कारण दिया गया। वे शिक्षा विभाग में 2009 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वे एक शिक्षक के साथ एनसीसी ऑफिसर, कवि, लेखक, अनुशासनप्रिय, कुशल नेतृत्वकर्ता, निर्णायक, समय प्रबंधक, अत्यंत व्यवहारिक, समस्या समाधानकर्ता, पर्यावरणप्रेमी, कुशल मंच संचालक, संवेदनशील व्यक्ति, सहयोग की भावना रखने वाले एवं निःस्वार्थ कैरियर काउंसलर भी हैं। वे शाला में अध्ययनरत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु सतत प्रयासरत रहते हैं। शासन के द्वारा सौंपे गए दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हैं। उन्होंने शासकीय योजनाओं का अपने शाला में उत्साहित होकर क्रियान्वयन किया है एवं अनेक उत्कृष्ट कार्य किए हैं। उन्हें 5 सितम्बर शिक्षक दिवस को राजभवन में राज्यपाल पुरस्कार राज्यपाल महामहिम श्री रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु साय द्वारा प्रदान किया गया। चतुर्वेदी जी को यह सम्मान उनके कार्य, नवाचार, मेहनत, विद्यार्थियों के प्रति समर्पण व शालेय गतिविधियों में सक्रियता के कारण मिला है।

विद्यालय एवं विद्यार्थियों के प्रति उनका समर्पण 


व्याख्याता दिनेश विद्यालय एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्ण समर्पित हैं। उनके द्वारा विषय को रोचक बनाने मौलिक गीत, कविता, कहानी का प्रयोग किया जाता है। बोर्ड कक्षाओं का अध्यापन तीन वर्षो से पावर पाइंट के माध्यम से इंटरेक्टिव बोर्ड में करा रहे हैं जिससे विद्यार्थियों में भाषा के प्रति उच्चस्तरीय समझ पैदा हुई है। उन्होनें पालकों एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग से विद्यालय के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनके द्वारा 10 वर्षों से एनसीसी के माध्यम से विद्यार्थियों में एकता, अनुशासन, नेतृत्वक्षमता, भाई-चारा, साहस एवं निःस्वार्थ सेवा भावना के गुणों का विकास किया जा रहा है। उनके एनसीसी कैडेट एवं विद्यार्थी न सिर्फ सेना, पुलिस, शिक्षक अपितु विविध क्षेत्रों में बेहतर नागरिक बनकर देश की सेवा कर रहे हैं। विद्यार्थियों की सहजता के लिए हिन्दी व्याकरण एवं पाठों के ऑनलाइन नोट्स तैयार कर व्हाट्स ग्रुपों में प्रसारित करते हैं। जिले के हिन्दी पी.एल.सी. के नोडल के रूप में उनके द्वारा बोर्ड परीक्षा के परिणाम में सुधार हेतु कार्य किया जा रहा है। उन्होनें कई निर्धन विद्यार्थियों को आर्थिक सहयोग प्रदान कर शिक्षा की धारा में लाया है। उनके कैरियर मार्गदर्शन से अनेक विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं। विद्यालय को ग्रीन स्कूल बनाने के लिए उनके द्वारा लगाए गए 50 से अधिक पौधे वृक्ष बनकर फल-फूल रहे हैं। विद्यालय को स्वच्छ बनाने विद्यार्थियों के साथ हर सप्ताह 2 घंटे का श्रमदान करते हैं। विद्यालय में अवकाश के दिनों में भी कार्य करते हैं। विषय शिक्षण में विशेष अभिरूचि एवं दक्षता लेखन कार्य, विषयों से संबंधित समसामयिक लेख एवं रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में होता रहता है। विद्यालय एवं जिला स्तरीय कार्यक्रमों का कुशल संचालन भी उनके द्वारा किया जाता है। विद्यार्थियों में साहित्यिक अभिरूचि के लिए हर माह पोस्टर कविता का प्रकाशन किया जाता है। उनकी किताबों को प्राप्त सम्मान राशि विद्यालय को समर्पित कर स्मार्ट एनसीसी क्लास बनाया गया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश में कई वर्षों से उपचारात्मक शिक्षा, समर कैंम्प एवं विद्यालय के विभिन्न कार्यां का संपादन किया जा रहा है। उनके द्वारा कोरोना कॉल में पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हुए लगातार 03 माह तक सोसल डिस्टेंस बनाने विभिन्न स्थानों पर कैडेटों के साथ कार्य किया गया। कविताओं की विभिन्न विधाओं पर उनकी पाँच पुस्तकें (जीवित नदी, दर्द का अनुवाद, चेतना के बीज, आत्ममंथन का समय है, समय करवट बदलता है) प्रकाशित हो चुकी हैं।
हाल ही में काम्प्ठी से प्रशिक्षण लेकर सबसे कम उम्र के प्रथम अधिकारी (फर्स्ट अफसर) भी बने हैं।

शाला व छत्तीसगढ़ के लिए उनका लक्ष्य 

1. विद्यालय में भाषा लैब का निर्माण।

2. व्याकरण के सरलीकरण के लिए पुस्तक का निर्माण।

3. एनसीसी कैडेटों को दिल्ली परेड में शामिल करना।

4. व्यवसायिक शिक्षा के लिए विशेष क्लास रूम तैयार करना।

5. तकनीकी, नैतिक व व्यवहारिक शिक्षा के साथ विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास।

6. नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा प्रदान करना।

उनके नाम रिकार्ड 
1.जिले के सबसे कम उम्र के राज्यपाल से सम्मानित होने वाले शिक्षक ।
2.जिले के एकमात्र एनसीसी ऑफिसर जो इस पुरस्कार से पुरस्कृत हुए।
3.जिले के एकमात्र राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक हुए जिनकी पांच किताबें प्रकाशित।
4.सामान्य शासकीय स्कूल, आत्मानंद स्कूल एवं पीएम श्री स्कूल तीनों में कार्य करने वाले जिले के एकमात्र राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक।