"मनखे मनखे एक समान" जनपद अध्यक्ष शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने क्षेत्रवासियों को बाबा गुरु घासीदास जयंती की दी शुभकामनाएं

"मनखे मनखे एक समान" जनपद अध्यक्ष शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने क्षेत्रवासियों को बाबा गुरु घासीदास जयंती की दी शुभकामनाएं

रायपुर। जनपद अध्यक्ष शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने 18 दिसंबर बाबा गुरु घासीदास जयंती के पावन अवसर पर क्षेत्रवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि बाबा 
गुरु घासीदास का "मनखे-मनखे एक समान" का अमर संदेश है।
बाबा गुरु घासीदास का जन्म छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी गांव के एक साधारण परिवार में हुआ था,लेकिन उनके विचार और आदर्श अत्यंत महान थे। उस दौर में जब समाज छुआछूत, जातिवाद, ऊँच-नीच और धार्मिक पाखंड की दलदल में फंसा हुआ था, बाबा गुरु घासीदास ने एक नई दिशा प्रदान की। उनका संदेश था कि सभी मनुष्य समान हैं और जाति-धर्म के नाम पर विभाजन और भेदभाव किसी भी रूप में सहनीय नहीं। 

शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने कहा कि बाबा जी ने सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हुए कुरीतियों जैसे पशु बलि और अन्य अंधविश्वासों का दृढ़ता से विरोध किया। उन्होंने सतनाम पंथ की स्थापना की, जो सत्य और नैतिकता का मार्गदर्शन करता है। 'सतनाम' का अर्थ होता है 'सत्य का नाम,' और बाबा गुरु घासीदास ने हमें यह सिखाया कि सच्ची भक्ति के लिए बाहरी दिखावे और आडंबरों की नहीं, बल्कि शुद्ध मन और सही आचरण की आवश्यकता होती है। 

उनके द्वारा स्थापित 'जैतखाम' आज भी सत्य, समानता और शांति का प्रतीक है, जो हमें नैतिक और सामाजिक मूल्यों की ओर प्रेरित करता है। इस जयंती के अवसर पर, हम सभी का कर्तव्य है कि हम बाबा गुरु घासीदास जी के इन अमूल्य सिद्धांतों को न केवल याद रखें, बल्कि अपने दैनिक जीवन में इन्हें अपनाकर समाज को एक समान और न्यायपूर्ण बनाएं।