आज का पंचांग, 21 दिसंबर 2025: आज है साल का सबसे छोटा दिन, पौष शुक्ल 'द्वितीया' पर करें चंद्र दर्शन; जानें राहुकाल और शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग, 21 दिसंबर 2025: आज है साल का सबसे छोटा दिन, पौष शुक्ल 'द्वितीया' पर करें चंद्र दर्शन; जानें राहुकाल और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली। आज 21 दिसंबर 2025, दिन रविवार है। खगोलीय दृष्टि से आज का दिन बेहद खास है क्योंकि आज विंटर (Winter Solstice) है, यानी आज साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है।

द्वितीया तिथि होने के कारण आज 'चंद्र दर्शन' (Moon Sighting) का विशेष महत्व है। साथ ही रविवार होने के चलते सूर्य देव की उपासना फलदायी रहेगी। आइये जानते हैं आज के पंचांग की विस्तृत जानकारी, शुभ मुहूर्त और राहुकाल।

आज की मुख्य तिथि और संवत

  • दिनांक: 21 दिसंबर 2025

  • दिन: रविवार (Sunday)

  • विक्रम संवत: 2082

  • मास (महीना): पौष

  • पक्ष: शुक्ल पक्ष

  • तिथि: द्वितीया (Second day of Waxing Moon)

नक्षत्र और योग

आज चंद्रमा मकर राशि में संचार करेंगे।

  • नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा (दोपहर तक, उसके बाद श्रवण नक्षत्र शुरू होगा)।

  • योग: वृद्धि योग (कार्यों में वृद्धि और सफलता के लिए शुभ)।

  • विशेष: आज सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है, जो नए कार्यों की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ है।

सूर्योदय और सूर्यास्त (Winter Solstice Special)

आज उत्तरी गोलार्ध में सूर्य सबसे कम समय के लिए दिखाई देंगे।

  • सूर्योदय (Sunrise): सुबह 07:10 बजे

  • सूर्यास्त (Sunset): शाम 05:29 बजे

  • दिन की अवधि: आज दिन सबसे छोटा रहेगा।

आज का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

रविवार को कोई भी नया काम शुरू करने या सरकारी कामकाज के लिए अच्छा माना जाता है।

  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 12:00 बजे से दोपहर 12:41 बजे तक। (सबसे श्रेष्ठ समय)।

  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:01 बजे से 02:42 बजे तक।

  • अमृत काल: शाम 04:15 बजे से 05:48 बजे तक।

आज का अशुभ समय (राहुकाल)

रविवार के दिन राहुकाल शाम के समय लगता है। इस दौरान शुभ कार्यों की शुरुआत से बचें।

  • राहुकाल: शाम 04:30 बजे से शाम 06:00 बजे तक (सूर्यास्त से पहले)।

  • यमगंड: दोपहर 12:15 बजे से 01:30 बजे तक।

  • दिशा शूल: पश्चिम दिशा (West)।

आज का विशेष महत्व

  1. सूर्य पूजा: रविवार सूर्य देव का दिन है। आज तांबे के लोटे में जल, रोली और अक्षत मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देने से मान-सम्मान और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

  2. चंद्र दर्शन: द्वितीया तिथि पर शाम को चंद्रमा के दर्शन करना और उन्हें अर्घ्य देना मानसिक शांति प्रदान करता है। इसे 'दूज का चांद' देखना भी कहते हैं जो शुभ माना जाता है।

  3. बड़ा दिन (Winter Solstice): आज से अब दिन की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ना शुरू होगी, जिसे कई संस्कृतियों में प्रकाश की वापसी के रूप में मनाया जाता है।