शिक्षक ही संस्कारवान समाज का निर्माण करते हैं: तिलोकचंद

शिक्षक ही संस्कारवान समाज  का निर्माण करते हैं: तिलोकचंद

रायपुर (चैनल इंडिया)। लायंस तिलोक चंद बरडिय़ा ने अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल में शिक्षक सम्मान समारोह में कहा कि जिस प्रकार मूर्तिकार पत्थरों को तराशकर मूर्ती बनाते हैं उसी तरह शिक्षक छात्रों को तराशकर योग्य नागरिक बनाते हैं। बरडिय़ा ने कहा कि मजबूत राष्ट्र और संस्कारवान समाज निर्माण में शिक्षकों की महती भूमिका होती है।
 कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि और नगर निगम के अध्यक्ष प्रमोद दुबे ने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन प्रेरणादायी है। शिक्षक हमारे जीवन को ढालने और संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्राचीन समय से गुरू का स्थान सर्वोपरि रहा है, भविष्य में भी गुरू की गरिमा और सम्मान को बनाए रखना है। श्री दुबे ने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन की सोच, उनके काम करने का तरीका अनूठा था जो उन्हें भारत के सर्वोच्च पद पर ले गया।
 कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लायंस सेंट्रल के राजेश चौरसिया ने कहा कि मूक-बधिर बच्चों के शिक्षित करना और उन्हें काबिल बनाने का अनूठा प्रयास अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल द्वारा किया जारहा है। चौरसिया शिक्षकों को नमन करते हुए कहा कि उन्हें इस विद्यालय में आना और बच्चों से रुबरु होना प्रिय है और उनके गुरुओं का सम्मान करने का मौका उन्हें बार-बार मिलता रहे यही उनकी इच्छा है। बच्चों को आशीर्वाद देते हुए चौरसिया ने कहा कि ये बच्चे बोल नहीं सकते पर इनकी आँखें बोलती है और इनके इशारे बताते हैं कि जो शिक्षा प्राप्त हो रही उससे बहुत खुश है।