राजनीतिक दलों को आर्थिक अपराधियों, दागियों- बागियों से बचना होगा : सत्यनारायण शर्मा

राजनीतिक दलों को आर्थिक अपराधियों, दागियों- बागियों से बचना होगा : सत्यनारायण शर्मा

नौकरशाहों को भी लगा बहती गंगा में हाथ धोने का चस्का

रायपुर (चैनल इंडिया)। पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा ने सभी राजनीतिक दलों में दागियों व बागियों के बढ़ते हुए वर्चस्व पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें सलाह दी है कि राजनीतिक दलों को आर्थिक अपराधियों, दागियों, बागियों से बचना चाहिए।
सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि सभी राजनीतिक दल राष्ट्र हित की बातें करते हैं लेकिन इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को गहन चिंतन की आवश्यकता है। जब तक आर्थिक अपराधी राजनीतिक दलों में सक्रिय भूमिका में रहेंगे, तब तक किसी का उद्धार नहीं कर सकते। इसलिए अब चिंतन का समय आ गया कि राजनीतिक दलों को दागियों व बागियों से कैसे बचना है। सभी राजनीतिक दलों को इस विषय में ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि सभी राजनीतिक दल साफ-सुथरे चेहरों को दरकिनार कर दागियों बागियों को अवसर दे रहे हैं,जिससे वे दोनों हाथों से जन-धन पर एकाधिकार बनाने में सफल हो रहे हैं। एक ऐसा काकस इसकी आड़ में तैयार हो जाता है, जिसे आर्थिक अपराधी खुलकर सत्ता व साधनों का दुरूपयोग करते दिखाई देते हैं।

सत्यनारायण शर्मा ने ब्यूरोक्रेसी को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस गफलत में शासकीय सेवक भी पीछे नहीं है। बहती गंगा में हाथ धोने का इनको भी चस्का लग गया है। उन्होंने कहा कि राजनेताओं व शासकीय सेवकों में राष्ट्रीय चरित्र की भावना की कमी दिख रही है। दागी बागी हमेशा कहते हैं कि उन्हें फंसाया जा रहा है। इसकी कड़़वी सच्चाई का आंकलन जनसामान्य तय करता है तथा धारणा बना लेता है कि कौन कितना पाक साफ है। 

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि राजीव गांधी की एक बात हमेशा याद आती है। उन्होंने कहा था कि पॉवर ब्रोकर से सभी को बचना चाहिए। यही लोग धन की लालसा पैदा करते हैं तथा माध्यम का काम करते हैं। अन्ततोगत्वा यह है कि राजनीतिक दलों की सोच व समझ का विषय है कि पॉवर ब्रोकर दागी बागी को पनाह दें या उन्हें दरकिनार करें।

उन्होंने कहा कि अब देखना यह है कि राजनीतिक दल स्पष्ट निर्णय लेते हैं या अभी भी दागियों व बागियों की बैसाखियों के सहारे निर्वाचन की सीढिय़ां चढ़ते हैं। जब दागियों-बागियों की बैसाखियां धराशायी होगी तब आम जनता के भविष्य का निर्माण होगा तथा नौजवानों के लिए सीधा सरल रास्ता दिखाई देगा।