हरितालिका तीज पर्व पर सुहागिनों ने व्रत रख की पूजा अर्चना
बलौदाबाजार से उमेश वजपेयी की रिपोर्ट
बलौदाबाजार। नगर व अंचल में भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरितालिका तीज का व्रत रखा गया। 6 सितंबर के दिन सुहागिन माता बहन निर्जला व्रत रखकर भगवान सदाशिव और माता पार्वती चारो पहर की विधिवत पूजा की। पौराणिक मान्यता है कि इसदिन माँ पार्वती जी ने यह व्रत रखकर भगवान शिव को प्रसन्न की थीं इसलिए इस व्रत को प्रतिवर्ष माता बहनें अपने सुख सौभाग्य की कामना से यह व्रत रखते हैं ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय और संपन्न रहता है। इस साल हरितालिका तीज पर दुर्लभ ग्रह, नक्षत्रों के कई शुभ संयोग भी बने थे।हरतालिका तीज पर बने शुभ योग, शुभ मुहूर्त और पूजा का शुभ मुहूर्त अनुसार तालिका तीज पर सुबह 06.02 बजे से 08.33 बजे तक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का शुभ समय था।
हरतालिका तीज पूजा-विधि अनुसार, सुहागिन महिलाएं चौकी सजाकर उसके ऊपर भगवान शिव व माता पार्वती की मूर्ति रखकर फिर कलश की स्थापना करने के बाद 16 श्रृंगार का सामान, अगरबत्ती, धूप, दीप, शुद्ध घी, पान, कपूर, सुपारी, नारियल, चंदन, फल और फूल के साथ आम, केला, बेल व शमी के पत्ते से पूजा की गई। हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ व आरती के बाद श्रद्धा के साथ भोग लगाकर क्षमा-याचना की गई। पूजा के बाद विधि विधान से व्रत का पारण करने से मनवांछित फल मिलता है। यह कामना करते हुए हरतालिका तीज पर शुभ योग भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से शुरू हो गई, जो 6 सितंबर दोपहर 03 बजकर 01 मिनट तक रही। इसलिए हरितालिका तीज का निर्जला व्रत 6 सितंबर को रखा गया। बताया कि इस दिन ग्रह, नक्षत्र भी बहुत अच्छी स्थिति में योग बताया की धर्म शास्त्रों में यह अद्भुत और शुभ संयोग माने जाते हैं। इनमें पूजा पाठ करने से कई गुना अधिक पुण्य मिलता है।