जगदलपुर में सडक़ों पर उतरा आदिवासी समाज

जगदलपुर में सडक़ों पर उतरा आदिवासी समाज

रायपुर (चैनल इंडिया)। उच्चतम न्यायालय के द्वारा जारी आरक्षण वर्गीकरण के आदेश के विरोध में छत्तीसगढिय़ा सर्व समाज महासंघ ने आज भारत बंद का आह्वान किया है, जिसका छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ  कॉमर्स ने समर्थन नहीं किया है।
 चेंबर का कहना है कि बिना पूर्व सूचना के आकस्मिक बंद से छोटे कारोबारियों को काफी नुकसान होगा, इसलिए वह समर्थन देने में असमर्थ हैं। भारत बंद का समर्थन देने को लेकर मंगलवार शाम चेंबर भवन में छत्तीसगढिय़ा सर्व समाज महासंघ और सर्व समाज के पदाधिकारी पहुंचे। चेंबर अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि बैठक में चेंबर के पदाधिकारी के साथ सर्व समाज के पदाधिकारियों की गहन चर्चा हुई। चेंबर से संबद्ध राष्ट्रीय संगठनों से ‘भारत बंद’ के विषय पर चर्चा की गई, जिसमें राष्ट्रीय संगठनों ने अनभिज्ञता जतातेसमर्थन नहीं दिया।
 इधर, आरक्षण के मुद्दे पर सर्व आदिवासी समाज के आव्हान पर भारत बंद का बस्तर में व्यापक प्रभाव दिख रहा है। बस्तर चेंबर आफ  कामर्स के समर्थन से व्यवसाईक प्रतिष्ठान बंद हैं। स्कूल कालेज व अन्य आवश्यक सेवाएं चालू हैं। नगरनार स्टील प्लांट के मुख्य प्रवेश द्वार पर आदिवासी समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। गेट बंद कर दिया गया है। अधिकारी, कर्मचारी प्लांट के पीछे अस्थाई गेट नंबर दो से ड्यूटी पर जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं, जैसे कि सीवर की सफाई करने वाले और बुनकर। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे इन जातियों का वर्गीकरण कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकते हैं, लेकिन इसमें दो मुख्य शर्तें हैं: एससी के भीतर किसी एक जाति को 100 प्रतिशत कोटा नहीं दिया जा सकता। एससी में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए। यह फैसला उन याचिकाओं के संदर्भ में आया था जो कहती थीं कि एससी और एसटी आरक्षण का लाभ केवल कुछ जातियों को ही मिल रहा है, जबकि अन्य पिछड़ी जातियां मुख्यधारा से बाहर रह गई हैं। भारत बंद का आह्वान करने वाले दलित संगठनों की मुख्य मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के कोटे में कोटा के फैसले को वापस लिया जाए या पुनर्विचार किया जाए।