सांसद फूलोदेवी नेताम ने नाइजीरिया में किया भारत का प्रतिनिधित्व

सांसद फूलोदेवी नेताम ने नाइजीरिया में किया भारत का प्रतिनिधित्व

जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के उपायों पर की महत्वपूर्ण चर्चा 

रायपुर (चैनल इंडिया)। राज्यसभा सांसद एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम ने 20 से 22 अगस्त तक नाइजीरिया के अबूजा में हुई राष्ट्रमंडल महिला सांसदों की कार्यशाला में भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत के प्रतिनिधिमंडल में मध्यप्रदेश से सांसद कविता पाटीदार भी शामिल थीं।   तीन दिवसीय नाइजीरिया के दौरे के दौरान नाइजीरियो के अबूजा में आयोजित राष्ट्रमंडल महिला सांसदों की कार्यशाला में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। जेंडर आधारित हिंसा पर आयोजित इस कार्यशाला में राष्ट्रमंडल के सभी 56 देशों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में जेंडर आधारित हिंसा पर भारतीय संसद की भूमिका तथा सांसदों द्वारा निर्वाचन क्षेत्र में जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के उपाय, रणनीति व राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।   सांसद नेताम ने कहा कि नाइजीरिया प्रवास के दौरान राजधानी अबुजा में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिये अत्यंत हर्ष व गौरव का विषय था।

राष्ट्रमंडल महिला सांसदों की कार्यशाला में लिंग आधारित हिंसा को रोकने के विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है कि वे जेंडर आधारित हिंसा जैसी संवेदनशील मुद्दे पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं। इस वक्त जब महिला सुरक्षा मुद्दा सबके जेहन में है, तब यह कार्यशाला होना और उस कार्यशाला में भारत का प्रतिनिधित्व करना और अधिक महत्वपूर्ण है।

कार्यशाला में अर्जित की गई सीख हम सबके लिए उपयोगी साबित होगी।  तीन दिवसीय इस कार्यशाला में दुनियाभर में हो रही लिंग आधारित हिंसा पर विस्तार से चर्चा की गई। 56 देशों से पहुंचे प्रतिनिधियों ने अपने-अपने देशों में लिंग आधारित हिंसा पर प्रस्तुति दी तथा अपने-अपने देशों में इसको रोकने के लिए लिए किए जाने वाले उपायों से अवगत कराया। इन प्रतिनिधियों ने लिंग आधारित हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा कि इसको रोकने के लिए अलग-अलग देशों को व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा क्योंकि यह एक खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। सांसद फूलोदेवी नेताम ने भी भारत में होने वाली लिंग आधारित हिंसा पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि भारत में इससे निपटने के लिए सख्त कानून हैं, जिनका कड़ाई से पालन किया जाता है।