15वें वित्त की राशि नहीं मिलने के कारण ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों पर लगा ब्रेक,सरपंच हो रहे परेशान

15वें वित्त की राशि नहीं मिलने के कारण ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों पर लगा ब्रेक,सरपंच हो रहे परेशान

नगरी से राजू पटेल की रिपोर्ट

मनरेगा मजदूरों में भी जमकर नाराजगी, 30 करोड़ रुपए मजदूरों का रुका भुगतान

नगरी। विकास कार्यों के लिए राशि की कोई कमी नहीं होने की गारंटी तो खूब दी जाती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ग्राम पंचायतों को 15वें वित्त की राशि नहीं मिलने से विकास कार्यों पर ब्रेक लग गया है। उधार लेकर काम कराने वाले सरपंच परेशान हो रहे है। वहीं जनपद व जिला पंचायत के प्रतिनिधि कार्यों का अनुमोदन कर राशि आने का इंतजार कर रहे हैं, दूसरी ओर मनरेगा मजदूरों का भुगतान करीब 30 करोड़ रुपए साढ़े तीन माह से अटका हुआ है। जनप्रतिनिधियों से लेकर मजदूरों में तक नाराजगी देखी जा रही है।


विदित हो कि 15वें वित्त की राशि से ग्राम पंचायतों में मूलभूत आवश्यकता के कार्य, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति, स्थापना, आधार भूत सरंचना के विकास के कार्य होते है। 70 प्रतिशत राशि ग्राम पंचायतों को मिलने के साथ ही 20 प्रतिशत राशि जनपद पंचायतों तथा 10 प्रतिशत राशि जिला पंचायतों को मिलती है। जिला पंचायत के 3 करोड़ 70 लाख रुपए होते है,जिसे सभी 13 जिपं सदस्यों की अनुशंसा से 28-28 लाख खर्च किए जाते हैं। वहीं ग्राम पंचायतों की बात करे तो विकास कार्यों के लिए सरपंच सबसे ज्यादा आश्रित 15वें वित्त की राशि पर रहते हैं। कुछ पंचायतों में तो सरपंचों के द्वारा बाद में भुगतान करने की प्रत्याशा में उधार लेकर काम करा लिया जाता है। इस बार 15 वे वित्त की राशि जारी करने में केन्द्र सरकार के द्वारा काफी लेटलतीफी की जा रही, जिसका सीधा असर पंचायतों के विकास पर पड़ रहा है। दूसरी ओर मनरेगा मजदूरों की राशि के लिए भी केन्द्र सरकार ने अब तक आवंटन नहीं दिया है। धमतरी जिले के मजदूरों को 15 मई के बाद से भुगतान नहीं मिला है। मनरेगा के काम में पसीना बहाने वाले 35 से 38 हजार मजदूर भुगतान की राह ताक रहे है। अधिकारियों से संपर्क करने पर एक ही जवाब मिल रहा कि बजट मिलते ही राशि जारी की जाएगी।

विकास कार्य ठप, जल्द जारी करे राशि : नीशू

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कांग्रेस सरकार के समय अनेक योजनाएं लागू की गई। मनरेगा आज गांवों में रोजगार का प्रमुख साधन है, 15वें वित्त की राशि से गांवों में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति होती है। इनके लिए राशि जारी करने में लेटलतीफी कर विकास के लिए तरसाने का काम केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है। गांवों में विकास कार्य थम से गये है, जल्द ही 15 वें वित्त की राशि जारी किया जाना चाहिए। वहीं मनरेगा मजदूरों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं रहती कि भुगतान के लिए लंबा इंतजार करे, उन्हें जल्द ही भुगतान किया जाना चाहिए।

पंचायतों में नही हो पा रहे मूलभूत कार्य : सोम

नगरी ब्लाक सरपंच संघ अध्यक्ष राजू सोम का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष के 5 माह बीतने को है लेकिन अब तक 15 वें वित्त की राशि नहीं मिल पाई है। गांवों में विकास कार्य कराने में सरपंचों के पसीने छूट रहे हैं। मूलभूत सुविधा के कार्य तक नहीं हो पा रहे हैं। जिन ग्राम पंचायतों को गौण खनिज की राशि मिलती है अथवा स्वयं की आय का जरिया है उनकी स्थिति ठीक है, पर जो पंचायतें केन्द्र व राज्य से मिलने वाली राशि पर निर्भर है उनकी स्थिति गड़बड़ा गई है। जल्द ही राशि जारी कर राहत प्रदान किया जाना चाहिए।

चैनल इंडिया ने अधिकांश गांवों की सड़कों की हालत देखी दयनीय

बारिश के इस मौसम में पंचायतों में सबसे ज्यादा समस्या मार्गों में कीचड़ की सामने आ रही। ग्रामीणों के द्वारा सरपंचों से लगातार सड़क मरम्मत की मांग की जा रही पर स्थिति यह है कि कीचड़ से सनी गलियों में सरपंच मुरुम तक नहीं डलवा पा रहे हैं  पहले भूपेश सरकार ने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी पर फोकस कर ग्राम पंचायतों के विकास पर ध्यान नहीं दिया।