उपभोक्ता आयोग ने विद्युत वितरण कंपनी को नुक़सान की भरपाई करने का दिया आदेश

उपभोक्ता आयोग ने विद्युत वितरण कंपनी को नुक़सान की भरपाई करने का दिया आदेश

कांकेर। उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उत्तर बस्तर काँकेर के द्वारा इस बार विद्युत वितरण कंपनी की मनमानी पर जमकर डंडा बरसाया गया है और जुर्माना सहित उपभोक्ता के नुक़सान की भरपाई करने का कड़ा आदेश दिया गया है। आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल तथा माननीय सदस्य डाकेश्वर सोनी द्वारा दिए गए फ़ैसले के विवरण के अनुसार अलबेला पारा काँकेर निवासी हिमांशु साहू को उनके पोल्ट्री फार्म हेतु निरंतर विद्युत प्रवाह न देकर अनाप-शनाप बिल देना तथा गत वर्ष नवंबर से अब तक लगातार विद्युत पूर्ति बंद कर देना, इस प्रकार की सेवा में कमी तथा व्यावसायिक कदाचरण के कारण पोल्ट्री फार्म के मालिक हिमांशु साहू को विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अपूरणीय क्षति पहुंचाई गई है । 

हिमांशु साहू उच्च शिक्षित इंजीनियर हैं तथा सर्विस नहीं मिलने के कारण उन्हें पोल्ट्री फार्मिंग के धंधे में आना पड़ा ,जिसके लिए उन्हें बैंक से कर्ज लेना पड़ा। उन्होंने अपने खर्चे पर पोल्ट्री फार्मिंग का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया तथा ग्राम व्यास कोंगेरा में आधुनिक तरीक़े का पोल्ट्री फार्म स्थापित किया ,जिसमें मुर्गी तथा बटेर पालन किया जाता था लेकिन शुरू से ही विद्युत पूर्ति के नाम पर उन्हें बार-बार अनाप-शनाप बिल देकर उनका आर्थिक नुक़सान किया गया और बिल पटाने में थोड़ी भी देर होने पर विद्युत विच्छेद कर धंधे को ज़बरदस्त घाटा पहुंचाया गया। सभी जानते हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग का धंधा विद्युत प्रवाह पर ही निर्भर रहता है अन्यथा भारी संख्या में पक्षी मर जाते हैं तथा अंडों का भी नुकसान होता है। 

इस प्रकार के विद्युत वितरण कंपनी के रवैये के कारण उपभोक्ता हिमांशु साहू व्यथित होकर उपभोक्ता आयोग की शरण में आए ,जहां उनके इस मामले पर गहन अध्ययन तथा विचार विमर्श के पश्चात उपभोक्ता आयोग के माननीय सदस्य द्वारा 26- 7- 2024 को आदेश पारित किया गया कि विद्युत वितरण कंपनी, उपभोक्ता हिमांशु साहू को आर्थिक क्षति हेतु 1,20,035/ तथा उस पर परिवाद प्रस्तुति दिनांक 27 12 2023 से संपूर्ण रकम अदायगी तक 7% वार्षिक की दर से साधारण ब्याज एक  महीने के अंदर प्रदान करना होगा । इसमें विलंब होने पर ब्याज की दर 9% कर दी जाएगी । नियमित बिल प्रदान न कर एक मुश्त रीडिंग उपरांत अत्यधिक राशि का बिल देकर एवं बिना पूर्व सूचना के विद्युत विच्छेद कर सेवा में कमी तथा व्यावसायिक कदाचरण हेतु क्षति राशि 50,000 रुपए एक माह के भीतर प्रदान करनी होगी । इसमें विलंब होने पर प्रतिदिन 100 रुपए की दर से जुर्माना भी अदा करना होगा। फ़रियादी को जो मानसिक पीड़ा एवं परेशानी हुई है, उसकी क्षतिपूर्ति हेतु ₹10,000 /-आदेश दिनांक से 1 माह के भीतर प्रदान करने होंगे। इसके अलावा मुक़दमे का हरजा खर्चा ₹3000/ भी अदा करना होगा । विद्युत वितरण कंपनी के कार्यकलापों से आम जनता में बहुत अधिक असंतोष होने के कारण इस फ़ैसले के आते ही लोगों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है तथा उपभोक्ता आयोग पर जनविश्वास बढ़ता जा रहा है।