बस्तर ओलंपिक में पूर्व नक्सली और हिंसा पीड़ित खेलेंगे एक साथ

बस्तर ओलंपिक में पूर्व नक्सली  और हिंसा पीड़ित खेलेंगे एक साथ

रायपुर (चैनल इंडिया)। एक नवंबर से यहां बस्तर ओलंपिक का आयोजन होगा। इस आयोजन में गांवों के खेलों को सम्मिलित किया गया है। इन खेलों का मकसद नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को जोडऩा और उम्मीद जगाना है। इन खेलों में नक्सली हिंसा के शिकार और आत्मसमर्पित नक्सली भी हिस्सा लेंगे। ये लोग आमने-सामने आएंगे, यही नहीं एक टीम में भी खेल सकते हैं।  साय सरकार इन खेलों का आयोजन कर रही है। ये अनोखी पहल युवाओं को प्रोत्साहित करने, खेल भावना जगाने और पूर्व नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने में मदद करेगी। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि ये आयोजन बच्चों और युवाओं के लिए है। खासकर उनके लिए जो उग्रवाद से पीडि़त हैं। शर्मा ने कहा कि यह उनके आत्मविश्वास और जीवन में आगे बढऩे की भावना को बढ़ाएगा। जो अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। सरकार उन्हें उनकी रुचि के क्षेत्र तलाशने में मदद करेगी।  अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि ओलंपिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लोगों को अच्छा और सुरक्षित महसूस कराने वाला माहौल बनाएगा। ये खेल ऐसे समय में हो रहे हैं जब कड़ी सुरक्षा कार्रवाइयों ने नक्सलियों को पीछे धकेल दिया है। सरकार को विकास का स्पष्ट रास्ता दिख रहा है। दो दशकों से बंद पड़े दर्जनों स्कूल पूर्व नक्सली इलाकों में फिर से खुल रहे हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि ओलंपिक दो दशकों से अधिक समय से युद्ध का मैदान बने इस क्षेत्र में एक सकारात्मकता का संचार करेगा।  बस्तर रेंज के खेल अधिकारी रवींद्र पटनायक ने बताया कि खेलों की शुरुआत ब्लॉक स्तर पर होगी। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती योजना के अनुसार, ब्लॉक स्तर के ओलंपिक का आयोजन 1 से 15 नवंबर तक होगा। इसके बाद जिला स्तर की प्रतियोगिताएं 15 से 20 नवंबर तक और संभाग स्तर का फाइनल 8 से 30 नवंबर तक जगदलपुर में होगा। विजेताओं को नकद पुरस्कार और स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाएंगे।